For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

यह शादी बे मेल हो गई बाबाजी

कितनी महंगी रेल हो गई बाबाजी
पैसेन्जर भी मेल हो गई बाबाजी

आदर्शों को फांसी  दे दी दिल्ली ने
नैतिकता  को जेल हो गई बाबाजी

सुख के बादल बिखर गये हैं बिन बरसे
दुःख की धक्कमपेल हो गई बाबाजी

नकल हो रही पास आज विद्यालय में
और पढ़ाई फेल हो गई बाबाजी

आई पी एल की हाट में हमने देखा है
खिलाड़ियों  की सेल हो गई बाबाजी

खादी वाले खड़े - खड़े खा जाते हैं
भोली जनता भेल हो गई बाबाजी

लोकराज ने लज्जा का परित्याग किया
यह शादी बे मेल हो गई बाबाजी

'अलबेला' की दोनों आँखों से देखो
राजनीति विषबेल हो गई बाबाजी

Views: 1038

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 26, 2012 at 12:00am

हा दइया.. क्यों सिहर गये जो सच पूछा .. 

हिलते डुलते  बह्र  निभाई  बाबाजी !!??

जय हो .. जय हो.............   :-)))))))))

(हम भी तुक भिड़ा गये, भाईजी..  हा हा हा... )

Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 11:52pm

धन्यवाद प्यारे भाई.कुमार गौरव जी..........
आभार

Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 11:51pm

सम्मान्य उमाशंकर मिश्रा जी,

आभार........धन्यवाद ....कृतज्ञता

__आपका स्नेह  सर आँखों पर भाई जी........

Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 11:48pm

सौरभ जी ने डाल दिया घी अग्नि में
अब तो तुम्हारी शामत आई बाबाजी

___

Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 11:43pm

सम्मान्य भवेश राजपाल जी,
आपके शब्द शब्द में स्नेह और सम्मान का रस घुला है जो पीने वाले को तृप्ति का अनुभव देता है . आपकी सराहना  सर आँखों पर...........
___धन्यवाद मित्र !

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 25, 2012 at 11:36pm
सही कहा बड़े भैया, राजनीति सचमुच विषबेल हो चुकी है।
Comment by UMASHANKER MISHRA on June 25, 2012 at 11:36pm

बहुत खूब अलबेला जी

आज अलबेला की आँखों की ही जरुरत है

जो राजनीति में फ़ैल रहे जहर को समझ सके

हर शेर बाबाजी का शेर है भरपूर अर्थ लिए हुवे है

रचना के लिए धन्यवाद


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 25, 2012 at 11:30pm

सुख के बादल बिखर गये हैं बिन बरसे
दुःख की धक्कमपेल हो गई बाबाजी

इस शे’र पर दिली दाद कुबोल फ़रमायें, अलबेला साहब. 

वैसे लगता है कि आपके पास ’बाबाजी’ को कहने केलिये बहुत कुछ है.  यानि, इन ’बाबाजी’ को आपसे अभी भी बहुत कुछ सुनना है.. .

बाबाजी के धीरज की सब जै बोलो
अलबेले  ने  टेर लगाई  बाबाजी ........   :-)))

सादर

 

Comment by Bhawesh Rajpal on June 25, 2012 at 11:28pm

आदर्शों को फांसी  दे दी दिल्ली ने
नैतिकता  को जेल हो गई बाबाजी

क्या कहूँ  ? वही बात , जो बार-बार दोहराई जाती है  ! नहीं !
आदरणीय अलबेला जी , आप अतुलनीय हैं ,  कभी झकझोर कर रख देते हैं , कभी गुदगुदा देते हैं  !
बहुत मज़ा आता है  बाबाजी  !
   - भवेश राजपाल  
Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 9:21pm

आपका कोटि कोटि धन्यवाद राजेश कुमारी जी........
सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
13 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service