For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैं क्या जानूं, क्या है डेटिंग बाबाजी

 

 

प्यारे मित्रो हमारे  लाड़ले बाबाजी  आज चार दिन की विदेश यात्रा पर जा रहे हैं  इसलिए  अगली मुलाक़ात  25 जून को ही होगी, परन्तु जाते जाते  भी बाबाजी से रहा नहीं गया .  ये आपके  समक्ष अपनी  नई रचना  परोसने के लिए मरे जा रहे हैं . इसलिए ओ बी ओ  के मंच पर  प्रस्तुत है यह  नूतन तुकबंदी :

बड़े काम की चीज़ है चैटिंग बाबाजी
चैटिंग कर देती सब  सेटिंग बाबाजी

मैं तो गाँव  का सीधा-सादा  बन्दा हूँ
मैं  क्या जानूं, क्या है डेटिंग बाबाजी

रेट घटा न राशन का इस शासन में
घट गई देश की क्रेडिट रेटिंग बाबाजी

आयेंगे, अब अच्छे  दिन भी आयेंगे

वेटिंग, वेटिंग, वेटिंग, वेटिंग बाबाजी

मांगे कौन हिसाब, खेलने  वालों से
कितनी बैटिंग, कितनी बेटिंग बाबाजी

पढ़ना-वढना  छोड़ के बच्चे सीख रहे
डान्सिंग, एक्टिंग औ क्रिकेटिंग बाबाजी

लीडर  ऐसे मिले हैं  हमको 'अलबेला'

वोटर जिनसे  करते  हेटिंग  बाबाजी





 

Views: 761

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on June 21, 2012 at 10:45am

waah waah sir ji kya baat hai .........................prabhavi rachna ke liye bahut bahut badhai aapko

Comment by Albela Khatri on June 21, 2012 at 10:43am

हांगकांग, मनीला,जकार्ता  भाई........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 21, 2012 at 10:41am
जय हो बाबाजी! कहाँ जा रहे हैँ? आपका फैन हूँ इसी अधिकार से पूछ रेला हूँ।
Comment by Albela Khatri on June 21, 2012 at 9:52am

बहुत बहुत धन्यवाद  राजेश कुमारी जी.........


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 21, 2012 at 9:13am

बड़े काम की चीज़ है चैटिंग बाबाजी
चैटिंग कर देती सब  सेटिंग बाबाजी 

मैं तो गाँव  का सीधा-सादा  बन्दा हूँ
मैं  क्या जानूं, क्या है डेटिंग बाबाजी :):):).......again a nice piece of work.rochak lagi baba ji

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"एक ग़ज़ल २२   २२   २२   २२   २२   …"
2 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"स्वागतम"
14 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
14 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आदरणीय चेतन जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
23 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service