For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये मदिरा है बहुत नशीली बाबाजी

तेज़ हवा और एक ही तीली बाबाजी
फिर भी हमने  बीड़ी पी ली बाबाजी

घर की सादी छोड़ के बाहर मत ढूंढो
रंग-रंगीली, छैल-छबीली बाबाजी

रूप के रस में जो डूबा वो न उबरा
ये मदिरा है बहुत नशीली बाबाजी

नेताओं के मुख-मण्डल पर लाली है
अपनी आँखें गीली गीली बाबाजी

केवल पगड़ी नहीं, मुझे तो लगती है
पी.एम. की पतलून भी ढीली बाबाजी

कितना भी खींचो इसको, ना टूटेगी
महंगाई है चीज़ लचीली बाबाजी

जिसने सबको अमृत बांटा 'अलबेला'
लाश उसी की मिली है नीली बाबाजी

जय हिन्द !


Views: 868

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on June 6, 2012 at 6:45pm

बहुत बहुत धन्यवाद  अरुण कान्त शुक्ला जी,
आपकी बधाई सर आँखों पर 

Comment by Albela Khatri on June 6, 2012 at 6:22pm

बहुत बहुत  शुक्रिया  जगदानन्द  झा 'मनु' साहेब,
धन्यवाद

Comment by Albela Khatri on June 6, 2012 at 6:16pm

एक बार फिर आपकी भीनी भीनी  सराहना के लिए झीनी झीनी कृतज्ञता राजेश कुमारी जी,
आपकी टिप्पणी से जोश दूना हो गया

Comment by जगदानन्द झा 'मनु' on June 6, 2012 at 5:04pm

बहुत शानदार  गजल , बहुत-बहुत  बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 6, 2012 at 4:24pm

बहुत बहुत शानदार प्रस्तुति अलबेला जी मजा आ गया पढ़ के बस कहिये धमाल ,कमाल 

Comment by अरुण कान्त शुक्ला on June 6, 2012 at 3:20pm

नेताओं के मुख-मण्डल पर लाली है
अपनी आँखें गीली गीली बाबाजी ,

शानदार ढंग से कही गयी बात .. बधाई .

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 6, 2012 at 1:37pm

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति , बधाई.

Comment by Albela Khatri on June 6, 2012 at 8:01am

आपको पसन्द आई...ये मेरे लिए बहुत ही ख़ुशी की बात है
शुक्रिया  इस सराहना और हौसलाअफज़ाई के लिए बन्धुवर आशीष यादव जी.........आभार

Comment by Albela Khatri on June 6, 2012 at 7:57am

शुभ प्रभात  डॉ  सूर्य बाली 'सूरज' जी,


मुझ जैसे नये रंगरूट के लिए आपकी  दाद का वही महत्व है जो पाँच रूपए के नोट  पर गांधी जी के फोटो का है . सूरज अगर दीपक की लौ  का बखान करे तो ये अद्भुत  होता है.....

शुक्रिया ....धन्यवाद...आभार ...जय हिन्द

Comment by आशीष यादव on June 6, 2012 at 7:27am
आदरणीय अलबेला जी, कमाल की रचना है धमाल मचा रही है। आदमी हँसी-हँसी मे बहुत कुछ सीख सकता है आपकी रचनाओँ से।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
56 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
2 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
22 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service