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कोख में ही मार दिया ?

जंग से जमीन में 

घाव बहुत होते हैं 

जख्म गर भरे भी तो 

रोम-रोम रोते हैं !

--------------------

इन्सां ने इन्सां को 

इन्सां सा प्यार दिया 

स्वर्ग धरा लाये आज 

जिन्दगी संवार लिया 

-------------------------

बेटियों ने बेटों को 

जी भर के प्यार दिया 

बेटों ने बदले में 

कोख में ही मार दिया ?

-------------------------------

गीली सी मिटटी है 

प्यारा कुम्हार 

पीट पीट ढाल रहा 

सांचे में खांचे में 

देता आकार !

-------------------------

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Comment

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Comment by rajesh kumari on April 13, 2012 at 8:40am

bahut sundar bhaav rachna ke betiyon se hi sansaar chalta hai fir bhi unko hi kyun maar rahe hain?

Comment by satish mapatpuri on April 13, 2012 at 12:18am

बेटियों ने बेटों को

जी भर के प्यार दिया

बेटों ने बदले में

कोख में ही मार दिया ?

मर्म को छूती हुई अभिव्यक्ति ............. बहुत  खूब भ्रमर जी ..... बधाई

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