For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मत जाओ ! मत जाओ !

कैसे कहें हम उनसे कि आज, मत जाओ,
नज़रों से सुनो दिल के जज़्बात, मत जाओ;
हम जानते हैं तुमको दिल का हाल पता है,
तुम जानते हों मेरा इजहार खता है;
हमको है फिर भी तेरा ऐतबार, मत जाओ,
आँखों से सुनो आँखों की बात, मत जाओ;
अपने ही दिल पे तुमने लगा रखे हैं पहरे,
अन्तर में दबी सी कहीं तूफ़ान की लहरें;
अब तोड़ भी दो डर की ये दीवार, मत जाओ,
आने दो लबों तक भी अब ये बात, मत जाओ |

Views: 421

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on March 23, 2012 at 10:11am

अपने ही दिल पे तुमने लगा रखे हैं पहरे,
अन्तर में दबी सी कहीं तूफ़ान की लहरें;

बहुत ही सुन्दर कृति पर बढाई स्वीकार करें

Comment by अश्विनी कुमार on March 23, 2012 at 12:09am

प्रिय स्नेही अनुज ,,मै तो हमेशा दिल के जज़्बात को ही देखुंगा  :)  अति सुंदर भावों को अपने अंतर में समाहित करती हुई  कविता ||जय भारत ||

Comment by Harish Bhatt on March 23, 2012 at 12:04am

चातक जी सादर प्रणाम

बहुत ही शानदार कविता 

कैसे कहें हम उनसे कि आज, मत जाओ,
नज़रों से सुनो दिल के जज़्बात, मत जाओ;

हार्दिक बधाई

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 22, 2012 at 6:21pm

प्रिय चातक जी,

हृदय की भावनाओं के बीच हो रहे अंतर्द्वंद का सजीव वर्णन किया है आपने| बधाई!

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 22, 2012 at 5:33pm

अब तोड़ भी दो डर की ये दीवार, मत जाओ,
आने दो लबों तक भी अब ये बात, मत जाओ |

snehi chatak ji. sunda avahan se saji racna. badhai.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
2 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
19 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
20 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
22 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
22 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
22 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service