दीवानगी क्या चीज़ है, मालूम न था;
इश्कियां क्या चीज़, मालूम न था;
क्यों लोग खो जाते है ख्यालो में, मालूम न था;
क्यों हो जाते है लोग स्थिल, मालूम न था;
आज मेरे हर सवालों का जवाब मुझे मिला;
जिन्दगी का एक नया सबक मैंने सिख लिया;
सिख लिए मैंने प्यार करने के तरीके,
और सिख ली मैंने इश्क को जताने के सलीके;
आज एक हौसला दिल में नया जगा;
जिसने जिन्दगी जीने का हौसला दिला दिया;
आज नयी उमंगो ने दी है दिल में दस्तक;
जिनके सहारे जाना है मुझे भी दूर तक;
कभी इन उमंगो को कम न होने दूंगा;
जरुरत पारी तो जग से सामना भी करूँगा;
अब न अंजामो का दर है;
बस उनको ही पाने का मेरा मन है;
चाहे कष्ट कितने भी हो मेरे अंतर्मन में;
सिर्फ उनको ही चाहूँगा इस छोटे से जीवन में;
Comment
धन्यवाद, वंदना जी,
यह तो आपलोगों का बड्पन है
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