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प्यार और बेड़ियाँ

एक पुरुष करता है
अपनी स्त्री  से बहुत प्यार.
उसने डाल दी है
उसके पांवों में बेड़ियाँ.
वह उसे खोना नहीं चाहता.
स्त्री भी करती है
उससे बेपनाह मुहब्बत.
वह भी उसे खोना नहीं चाहती.
पर वह नहीं डाल पाती है
उसके पैरों में बेड़ियाँ.
बेड़ियाँ मिलती हैं बाजार में
खरीदी जाती हैं पैसों के बल पर.


नीरज कुमार नीर ..
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 651

Comment

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Comment by Neeraj Neer on July 1, 2014 at 9:47am

आदरणीया डॉ प्राची सिंह साहिबा ... आपका हार्दिक आभार..  . पुरुष जिस स्त्री को पसंद करता है या जिससे प्रेम करता है , उसे हासिल करना चाहता है और उसे हासिल करने के उपरान्त उसकी स्वतंत्रता, उसकी सोच पर बंदिशे डाल देता है, जबकि ऐसी बंदिशे उसे स्वयं के लिए पसंद नहीं होती. स्त्री को किससे मिलना चाहिए, किससे कितनी बातें करनी चाहिए ये तमाम बातें वह तय करना चाहता है   और जैसा कि  आपने बिलकुल उचित ही कहा आर्थिक रूप से पुरुष पर निर्भरता ही इन बंदिशों की , बेड़ीयों  की मुख्य वजह है .. अगर स्त्री आर्थिक रूप से आत्म निर्भर होती है तो उस पर ऐसी बंदिशे सामान्य रूप से नहीं डाली जा सकती .   आशा करता हूँ कि मैं अपनी बात स्पष्टता से कह पाया .. फिर भी आपसे विशेष मार्ग निर्देश की अपेक्षा करता हूँ .. सादर धन्यवाद ..   


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 30, 2014 at 8:00pm

आपकी अतुकांत वैचारिक अभिव्यक्तियों की बहुत बड़ी प्रशंसक रही हूँ मैं आ० नीरज 'नीर' ज...

लेकिन..

प्रेमिका का बेड़ी में बंध जाना मुझे समझ नहीं आया... क्या ये तोहफों से मन को वश में करने की बात है तो इसके लिए बेड़ी शब्द थोड़ा कठोर है...  और अगर स्त्री को आधीन करने की बात है तो विवाह के बाद तो अपनी आर्थिक स्वाधीनता खो कर आश्रिता हो सकती है कोइ पत्नी पर प्रेमिका...के सन्दर्भ में मैं इस अभिव्यक्ति को समझ नहीं सकी.... कृपया भाव स्पष्ट करने की कृपा कर दें 

सादर.

Comment by annapurna bajpai on June 25, 2014 at 6:39pm

बहुत खूब , सुंदर भाव , बधाई । 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 25, 2014 at 11:47am

क्यों बहाते हैं आँखों से नीर 

कब हरण होगा 'इनका' पीर!  स्त्री का कल्याण कौन करेगा?

Comment by Meena Pathak on June 23, 2014 at 12:19pm

बेड़ियाँ मिलती हैं बाजार में 
खरीदी जाती हैं पैसों के बल पर.................. बहुत सही बात कही आपने अपनी रचना के मध्याम से | सुन्दर रचना हेतु बहुत बहुत बधाई स्वीकारें 

कृपया ध्यान दे...

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