For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिंदगी ढूंढते रह गए तुझको ---डा० विजय शंकर

जिंदगी , कितनी सरल , खूबसूरत है तू
तुझको देखें जी भर , कि जी लें तुझको ,
कैसे रखा , कैसे पाला है , हमने तुझको,
तुझको पढ़ें मन भर , कि लिखें तुझको |

बोझ ,शौक ,मौज नाम दिए हमने तुझको
ये रीति, ये रिवाज ,ये बंदिशें , ये विधान
ये दायरे ,ये पहरे ,ये कानून , ये फरमान
ये भी तेरे हैं , तेरे बन्दों ने दिए हैं तुझको |

बाँध के रख दिया हजार बंधनों में तुम्हें
दावा यह कि सब तेरी हिफाजत के लिए है
इतनी बंदिशें तूने न देखी , न जानी होगीं ,
जितनी हमने तेरी सौगात में दे दी हैं तुझको |

सारे रूप , श्रृंगार धरती पर तेरे हैं ,तुझसे
हम अपने ढंग से सजाते रह गए तुझको
ये सजावटें, ये बनावटें हमसे दूर ले गयीं तुझको
हम कानूनों और किताबों में ढूंढते रह गए तुझको |

डा० विजय शंकर

( मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 779

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 12, 2014 at 8:03pm
आपकी प्रेरक अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद , आ ० अन्नपूर्णा बाजपेयी जी.
Comment by Dr. Vijai Shanker on June 12, 2014 at 7:58pm
प्रिय गिरिराज जी , आपको पंक्तियाँ पसंद आईं , धन्यवाद .
Comment by Dr. Vijai Shanker on June 12, 2014 at 7:56pm
प्रिय गिरिराज जी , आपको पंक्तियाँ पसंद आईं , धन्यवाद .
Comment by annapurna bajpai on June 12, 2014 at 7:47pm

सुंदर रचना , बधाई स्वीकारें । 

Comment by umesh katara on June 12, 2014 at 7:29pm

बहुत भावपूर्ण रचना है बधाई हो


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 12, 2014 at 6:36pm

आदरणीय विजय भाई , बहुत अच्छी रचना की है , ज़िन्दगी को आपने नया नज़रिया दिया है , बधाई ॥

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 12, 2014 at 5:29pm
बहुत बहुत धन्यवाद नरेंद्र सिंह जी
Comment by Dr. Vijai Shanker on June 12, 2014 at 11:36am
बात जो समझ में आ जाये
बात जो मन को भा जाये
जीवन अच्छे से काट जाये
बाकि और क्या है जिंदगी .
आ ० गोपाल जी , पंक्तियाँ आपको अच्छी लगी , धन्यवाद , बहुत बहुत ।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 12, 2014 at 11:28am

विजय जी

जिन्दगी को एक नए अंदाज से खंगालने की आपकी कोशिश  बड़ी पुरअसर है i शुभकामनाये i

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 12, 2014 at 11:12am
धन्यवाद श्री लक्ष्मण धामी जी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
1 hour ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाई, ओबीओ की परम्परा का क्या ही सुन्दर उदाहरण प्रस्तुत किया है आपने ! जय…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा है। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मेरे कहे को मान देने और अनुमोदन हेतु आभार। सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service