For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"इंसान"
पुरानी हवेली में छिपे आंतकियों पर सैनिक कार्यवाही की कवरेज का आदेश मिला था उसे और वो रात के घने अँधेरे में रह रह कर होने वाली फायरिंग के बीच कुछ लाइव शूट करने की कोशिश में लगा था जब उसकी नज़र किसी औरत के साथ भागने की कोशिश करते एक आंतकी पर पड़ी। और अगले ही क्षण उसकी लाइट और कैमरे की क़ैद में आने के साथ ही वो आंतकी सैनिको की गोली का शिकार हो गया। साथ वाली औरत के चीख कर जमीन पर गिरने की आवाज पर वो और सचेत हुआ और अपना कैमरा संभाल किसी तरह उस तक पहुंच गया।
एक प्रसव वेदना से कराहती औरत उसके सामने थी। मामला नाज़ुक हो गया था उसने फौरन सहयोगी को मीडिया वैन पास लाने का आदेश दिया।......
"उसे छोड़ो वहीँ, टार्गेट बाकी के आंतकियो पर रखो।" कण्ट्रोल रूम से आदेश मिला।
"सर। 'उसे' सहायता की तत्काल जरूरत है।" उसने अपना पक्ष रखना चाहा।
"तुम मीडिया की डयूटी पर हो और अपना काम करो।" आदेशत्मक आवाज सख्त हो गयी।
लेकिन कुछ ही क्षण में मीडिया वैन प्रसूता को लेकर अस्पताल की ओर दौड़ रही थी। उसके निर्णायक शब्द कण्ट्रोल रूम में मिसाल बन कर गूँज रहे थे।
"सॉरी सर। 'मीडिया' अपना काम कर चुका है अब बारी एक इंसान की है और 'वो' अपना काम पूरा करने जा रहा है।
(मौलिक और अप्रकाशित)
विरेंदर वीर मेहता

Views: 527

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on November 12, 2015 at 11:23pm

आदरणीय वीरेंदर जी बढ़िया लघुकथा हुई है हार्दिक बधाई 

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on November 11, 2015 at 7:05pm
आदरणीय विजय निकोरे जी अजय कुमार शर्मा जी सुनील वर्मा जी शेख शहज़ाद भाई और सुश्री कल्पना भट्ट जी, और राहिला जी। आप सभी गुणीजनों की सकारत्मक प्रतिक्रिया और कथा पर अपना मूल्यवान समय देकर हौसला अफ़ज़ाई करने के लिए मैं तहे दिल से आभारी हूँ।
सादर आभार के साथ साथ आपको दीवाली की भी हार्दिक बधाई स्वीकार करे। सादर।
Comment by vijay nikore on November 11, 2015 at 12:52pm

लघुकथा सुन्दर बनी है। हार्दिक बधाई।

Comment by Ajay Kumar Sharma on November 10, 2015 at 11:43pm

उत्तम रचना। वीरेन्द्र जी सादर बधाई स्वीकार करें।

Comment by Rahila on November 10, 2015 at 1:29pm
बहुत सार्थक लेखन और बहुत बेहतरीन रचना । आदरणीय वीरेन्द्र जी! तहे दिल से बधाई स्वीकार कीजिये ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 10, 2015 at 1:11pm
बहुत सुंदर सार्थक प्रेरक प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय वीरेन्द्र वीर मेहता जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
11 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
11 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
12 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service