For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुक्‍तक- 1

भला होता है वो कैसा जिसे सब प्‍यार कहते है
नही यह भी पता मुझको किसे सब यार कहते है
न जाना मैं कभी इनको न पहचाना कभी इनको
यही कारण मुझे सब आदमी बेकार कहते है

मुक्‍तक -2
नही होता अगर ये दिल तो हम भी शान से जीते
लड़ा कर जाम से हम जाम तुम्‍हारे साथ में पीते
मगर कमबख्त दिल मेरा हमेशा नाम ले उसका
भुलाने ही नही देता पलों को साथ जो बीते

मुक्‍तक -3
करू क्या काम दिन भर मै मुझे पत्नी बताती है
झुका कर के नज़र चलना मुझे हरदम सिखाती है
नज़र मेरी चली जाये अगर अपनी पड़ोसन पे
चला बेलन वही दिन में मुझे तारे दिखाती है

मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी

Views: 784

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 5, 2015 at 12:05am

भइया, आप कहाँ हैं ? कहाँ पहुँच गये ? आजकल आपकी उपस्थिति मंच पर भी कम हो गयी है. 

सब शुभ होगा.  हार्दिक शुभेच्छाएँ.

Comment by Akhand Gahmari on June 4, 2015 at 6:20pm

आदरणीयSaurabh Pandeyजी उत्‍साहवर्धन के लिए चरण स्‍पर्श है आज मैं जहॉं तक पहुँच पाया हूँ उसमें आपका आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन्‍ा मेरे साथ रहा है आपको चरण स्‍पर्श

Comment by Akhand Gahmari on June 4, 2015 at 6:18pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी उत्‍साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार एवं चरण स्‍पर्श, आप की रचनाछप चुकी है 6 जून को पुस्‍तक आते ही आपके पास भेज दिया जायेगा गा और उसके उपरान्‍त गहमर में होने वाले अखिल भारतीय साहित्‍यकार सम्‍मेलन हेतु  संम्‍पर्क करेंगें 

Comment by Akhand Gahmari on June 4, 2015 at 6:16pm

आदरणीय narendrasinh chauhan जी उत्‍साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार एवं नमन

Comment by Akhand Gahmari on June 4, 2015 at 6:16pm

आदरणीयSamar kabeer जी उत्‍साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार एवं नमन

Comment by Akhand Gahmari on June 4, 2015 at 6:13pm

आदरणीयkrishna mishra 'jaan'gorakhpuri जी उत्‍साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार एवं नमन

Comment by Akhand Gahmari on June 4, 2015 at 6:13pm

आदरणीय shikha kaushik जी उत्‍साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार एवं नमन

Comment by Akhand Gahmari on June 4, 2015 at 6:12pm

आदरणीय शिज्‍जू शकूर जी उत्‍साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार एवं नमन


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 28, 2015 at 8:28pm

आपकी रचनाओं में हुआ सुधार आश्वस्त करता है अखण्ड भाईजी कि आपका प्रयास सदिश है.

हार्दिक शुभकामनाएँ.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 28, 2015 at 12:19pm

गहमरी जी

हास्स्य प्रधान मुक्तकों के लिए बधाई. मित्र आपके पत्रिका नहीं मिली और मेर्री कहानी का क्या हुआ ?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी, सादर आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. रिचा जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी सहृदय शुक्रिया आदरणीय इस मंच के और अहम नियम से अवगत कराने के लिए"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आपका सुधार श्लाघनीय है। सादर"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service