For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

याद तुम्हारी , कितनी प्यारी ,
धीरे-धीरे मन के आँगन में ,
चुपके से आ जाती हे |

याद तुम्हारी , बड़ी दुलारी ,
आँखों  से  , अंतर मन को ,
परम सुख पहुँचती हे |

कभी हँसाती याद तुम्हारी ,
कभी रूलाती हे मुझको ,
कभी थकाती याद तुम्हारी ,
कभी सुलाती हे मुझको |

याद तुम्हारी धूप छाँव सी ,
कभी हे बदली , कभी बरसती ,
याद तुम्हारी एक नाव सी ,
कभी हे थमती , कभी मचलती |

याद तुम्हारी व्यथित ह्रदय में ,
शूल भेद सी जाती हे ,
याद  तुम्हारी तीव्र वेग से ,
मन को तडफा जाती हे |

बस एक बार , सिर्फ़ एक बार ,
माँ तुम वापस आ जाओ ,
लगाकर मुझको अपने हृदय से ,
मेरा बचपन लौटाओ ,

माँ वहीं खड़ा हूँ , 
जहाँ खड़ा था ,
जहाँ तुमको देखा अंतिम बार ,
भूल गया सब रीत जगत की ,
भूल गया सब जग परिवार ,

देख रहा हूँ बस राह तुम्हारी ,
कब तुम वापस आओगी ,
थाम के हाथ अपने प्रिय का ,
अपने संग ले जाओगी ,

वहीं खड़ी हे मेरी नज़रें ,
जहाँ पर तुमने छोड़ दिया ,
ठहर गया अस्तित्व वहीं पर , 
जहाँ पर रास्ता मोड़ लिया ,

याद तुम्हारी उसी मोड़ पर ,
बार -बार ले जाती हे ,
याद तुम्हारी गहन वेदना ,
बन मन पर छा जाती हे ,

याद तुम्हारी -- एक प्रश्न ?
क्या तुम वापस आओगी ?
क्या तुम अपने प्रिय पुत्र को ,
जीवन दर्शन करवाओगी ?

  • अश्क 

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 586

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 14, 2013 at 5:33pm

बस एक बार , सिर्फ़ एक बार ,
माँ तुम वापस आ जाओ ,
लगाकर मुझको अपने हृदय से ,
मेरा बचपन लौटाओ

शानदार अभिव्यक्ति हेतु बधाई, सर जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 14, 2013 at 3:41pm

माँ को पुकारती मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति 

बधाई आ० अशोक कत्याल जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on April 14, 2013 at 10:25am

मर्म को छूती कोमल रचना के लिए बधाई..........

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 13, 2013 at 11:12pm

आदरणीय अश्क जी सादर, सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकारें.बहुत सुन्दर रचना दिल को छू रही है.

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 13, 2013 at 9:41pm

बहुत ही भावपूर्ण रचना है आदरणीय 

सादर बधाई स्वीकारें 

Comment by बृजेश नीरज on April 13, 2013 at 7:35pm

अशोक जी बहुत सुन्दर! बधाई स्वीकारें!

Comment by ram shiromani pathak on April 13, 2013 at 6:52pm

आदरणीय अशोक जी: बहुत सुन्दर रचना!हार्दिक बधाई

Comment by Shyam Narain Verma on April 13, 2013 at 4:19pm
बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर रचना के लिए ...........................
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 13, 2013 at 4:01pm

माँ लो याद तो सभी को आती है, हाँ भावुक व्यक्ति को माँ कि याद ज्यादा सताती है | सुन्दर भाव रचना के लिए बधाई 

Comment by vijay nikore on April 13, 2013 at 10:02am

आदरणीय अशोक जी:

 

इस भावपूर्ण रचना के लिए कोटिश बधाई।

 

सादर,

विजय निकोर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"जय हो.. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"    प्रस्तुति की सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीय मिथिलेश जी. सादर "
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service