For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाबा जी ओये बाबा जी गाओ सा रे गा मा जी

बाबा जी ओए बाबा जी गाओ सा रे गा मा जी ओए
पाकिस्तान बना समुन्दर चीन चलाये चप्पू जी
रामदेव का स्वदेशी अभियान बना रहा भारत महान
काला धन और भ्रष्टाचार देश की परम सुखी संतान
अन्ना को देश गांधी बोले हुंकार की उसके सिंहासन डोले
थे कभी अलग अलग दोनों अब अन्ना संग राम देव बोले
बाबा जी ओए बाबा जी गाओ सा रे गा मा जी

जनता में विश्वास जगा है जान गए किस किस ने ठगा है
राम देव को मिल गया ज्ञान क्या दगा है कौन सगा है
सोयी जनता चेत रही है बेईमानों को देख रही है
शान्ति अहिंसा का आन्दोलन गा रही जनता दिल खोले
बाबा जी ओए बाबा जी गाओ सा रे गा मा जी

आँखों में सुन्दर सपने संजोये जल्द होंगे पूरे अपने
जमा पड़ा धन आएगा नया नया रोजगार दिलाएगा
मरेंगे न अब बच्चे भूखे नया भारत खिल खिलाएगा
होगी चारों तरफ हरियाली नयी धुन बच्चा बच्चा गायेगा
बाबा जी ओए बाबा जी गाओ सा रे गा मा जी

पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण में अब न कोई भेद रहेगा
लड़ते जो भाषा धर्म जाति पर सबका मन एक रहेगा
होली दीवाली ईद गुरुपर्व सब मिल साथ मनाएंगे
पहनेगी बालाएं धानी चूनर बेला संग अलबेला संग सब गायेंगे
बाबा जी ओए बाबा जी गाओ सा रे गा मा जी

Views: 611

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 22, 2012 at 4:46pm

पहनेगी बालाएं धानी चूनर बेला संग अलबेला संग सब गायेंगे 
बाबा जी ओए बाबा जी गाओ सा रे गा मा जी

आभार आदरणीय अलबेला खत्री जी , सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 22, 2012 at 4:45pm

आदरणीय बाली जी, सादर 

आप खुश 

रंगा खुश 

धन्यवाद. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 22, 2012 at 4:44pm

धन्यवाद योगी जी सराहना हेतु, सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 22, 2012 at 4:43pm

धन्यवाद आदरणीय अरुण श्रीवास्तव जी, सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 22, 2012 at 4:42pm

धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारी जी, सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 22, 2012 at 4:42pm

धन्यवाद आदरणीय संदीप जी, सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 22, 2012 at 4:41pm

आदरणीय अरुण जी सादर 

समय देने एवं सराहना हेतु आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 22, 2012 at 4:40pm

प्रिय कुमार जी, सस्नेह 

धन्यवाद 

Comment by Albela Khatri on June 14, 2012 at 1:31pm

साधु
साधु
साधु
____जय हो आपकी प्रदीप  कुशवाहा जी.............
गज़ब का लेखन किया प्रभु !
समाज की समस्त विसंगतियों को  साक्षात्  खड़ा करके  उज्ज्वल भविष्य की ओजस्वी उद्घोषणा  कर दी आपने....


आँखों में सुन्दर सपने संजोये जल्द होंगे पूरे अपने
जमा पड़ा धन आएगा नया नया रोजगार दिलाएगा
मरेंगे न अब बच्चे भूखे नया भारत खिल खिलाएगा
होगी चारों तरफ हरियाली नयी धुन बच्चा बच्चा गायेगा
बाबा जी ओए बाबा जी गाओ सा रे गा मा जी

_____वाह वाह वाह .....बधाई !

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on June 12, 2012 at 7:05pm

प्रदीप जी सादर नमस्कार ! बहुत करारा तंज़ किया है आपने आज की परिश्ठीती पर। पाकिस्तान बना समुन्दर चीन चलाये चप्पू जी।

बहुत बढ़िया । बधाई हो !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो
"आ. समर सर,मिसरा बदल रहा हूँ ..इसे यूँ पढ़ें .तो राह-ए-रिहाई भी क्यूँ हू-ब-हू हो "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो
"धन्यवाद आ. समर सर...ठीक कहा आपने .. हिन्दी शब्द की मात्राएँ गिनने में अक्सर चूक जाता…"
9 hours ago
Samar kabeer commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो
"जनाब नीलेश 'नूर' जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई, बधाई स्वीकार करें । 'भला राह मुक्ति की…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा पाण्डे जी, सार छंद आधारित सुंदर और चित्रोक्त गीत हेतु हार्दिक बधाई। आयोजन में आपकी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी,छन्नपकैया छंद वस्तुतः सार छंद का ही एक स्वरूप है और इसमे चित्रोक्त…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, मेरी सारछंद प्रस्तुति आपको सार्थक, उद्देश्यपरक लगी, हृदय से आपका…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा पाण्डे जी, आपको मेरी प्रस्तुति पसन्द आई, आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी उत्साहवर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार। "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप उत्तम छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service