For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ratan jaiswani
Share on Facebook MySpace

Ratan jaiswani's Friends

  • rajendra kumar
  • Neelam Upadhyaya
 

ratan jaiswani's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
chhattisgarh
Native Place
janjgir
Profession
jaurnalist
About me
sangharsh hi jivan hai.

Ratan jaiswani's Blog

योग और राजनीति का अनुलोम-विलोम

देश के जाने माने योगगुरू बाबा रामदेव अब राजनीतिक पारी खेलने की तैयारी में हैं। योग की घुट्टी पिलाकर रोग भगाने के बाद अब वे राजनीति की खुराक देंगे। तमाम लोग भी चाहते हैं कि राजनीति में बढ़ती जा रही गंदगी पर रोक लगे या फिर उसका सफाया ही हो जाए। लेकिन क्या बाबा रामदेव की मंशा को पंख लग पाएंगे ?

आए दिन नई बीमारी, नए रोग और उसके निदान के लिए जूझते देश-विदेश के हजारों वैज्ञानिक, डाक्टर। ऐसे में बाबा रामदेव ने प्राचीन युग से चल रहे योग को लोगों के सामने पेश किया, जिसका नतीजा भी लोगों को देखने को… Continue

Posted on November 19, 2010 at 10:00am — 4 Comments

माल संस्कृति जिंदाबाद (व्यंग्य)

व्यंग्य



नया युग आ गया है, अरे भई पुराना जब और पुराना होगा तो नया नया युग तो आएगा ही, नए पैंतरे, नया दांव, नई उठापटक, और तरीके भी नए-नए। पुराने दौर में फिल्मों की नायिका गाती थी फूल तुम्हें भेजा है खत में ...क्या ये तुम्हारे काबिल है, अब की हीरोईन डांस कम एक्सरसाईज करते हुए सीधे किस पर आ जाती है, ओ बाबा लव मी, ओ बाबा किस मी। न फूल ढूंढने की जरूरत न खत लिखने की झंझट, मैगी नूडल्स की तरह, फटाफट तैयार, बस दो मिनट। बीच में न आशिक से मिलने के सपने न ही बाबुल से कोई बहानेबाजी, कि मैं तुझसे… Continue

Posted on November 15, 2010 at 9:00pm — 2 Comments

हाय रे, भैंस की पूंछ..........

फिल्मकार भी कभी-कभी नहीं, अधिकतर अपनी फिल्मों के जरिए परिवार में परेशानियां ही पैदा कर देते हैं। बाॅबी देओल ने बरसात में नीला चष्मा पहना तो मेरा सुपुत्र ;फिलहाल सुपुत्र ही कहना पड़ेगाद्ध जिद पर अड़ गया कि उसे भी नीला चष्मा पहनना है, टीवी सीरियल पर कोमलिका नाम के कैरेक्टर को देखकर अर्धांगिनी ने चढ़ाई कर दी कि उसे भी कोमलिका जैसे गहने, सौंदर्य प्रसाधन चाहिए। इन सब परेशानियों से तो जैसे तैसे निपट लिया, पर सबसे बड़ी परेशानी पैदा की भैंस की पूंछ ने, अरे भई, मैं शाहरूख खान अभिनीत चक दे इंडिया की बात कर… Continue

Posted on October 16, 2010 at 11:30am — 2 Comments

कैसे बचेगी पत्रकारिता की मान-मर्यादा ?

राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चैनलों में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में पत्रकारिता की मान-मर्यादा कैसे बचेगी, यह किसी को तो सोचना होगा। तमाम दुनिया को आईना दिखाने वाले और खुद को पाक साफ होने का दावा करने वाले चैनल या अखबार क्या वास्तव में वैसे ही हैं, जैसा वे खुद को पेश करते हैं ? पीत पत्रकारिता लगातार हावी होती जा रही है। आए दिन खबरें सुनने को मिल रही हैं कि फलां पत्रकार ब्लेकमेलिंग करते धरा गया, फलां रिपोर्टर महिला शोषण के आरोप में जेल गया, फलां पत्रकार को लोगों ने पीटा। खबरों के साथ… Continue

Posted on October 13, 2010 at 8:30am

Comment Wall (7 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 11:33am on June 21, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

Please see the link for draft of "sahmati sah anurodh" patra

 

http://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:88945

At 10:14am on November 23, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 2:18pm on October 13, 2010, Admin said…
आदरणीय रतन जायस्वानी जी, आपका एक ब्लॉग पोस्ट हुआ है, किंतु आपने कॉमेंट बॉक्स बंद कर दिये है जिससे आप के पोस्ट पर कोई कॉमेंट नही कर पा रहा है, यदि आप ने जानबूझकर किये है तो इस मैसेज को इग्नोर कर दे और यदि अंजाने मे हुआ है तो कृपया पोस्ट को एडिट कर Privacy & Comments, setting मे जाकर Everyone कर दे, धन्यवाद,
At 9:55am on October 13, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 5:29pm on October 12, 2010, Ratnesh Raman Pathak said…

RATNESH RAMAN PATHAK
At 10:59am on October 12, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 10:23am on October 12, 2010, Admin said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
2 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"सादर प्रणाम आप सभी सम्मानित श्रेष्ठ मनीषियों को 🙏 धन्यवाद sir जी मै कोशिश करुँगा आगे से ध्यान रखूँ…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सुशील सरना जी उत्सावर्धक शब्दों के लिए आपका बहुत शुक्रिया"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय निलेश भाई, ग़ज़ल को समय देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आपके फोन का इंतज़ार है।"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर 'बागपतवी' साहिब बहुत शुक्रिया। उस शे'र में 'उतरना'…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर,ग़ज़ल पर विस्तृत टिप्पणी एवं सुझावों के लिए हार्दिक आभार। आपकी प्रतिक्रिया हमेशा…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, ग़ज़ल को समय देने एवं उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक आभार"
6 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा

आँखों की बीनाई जैसा वो चेहरा पुरवाई जैसा. . तेरा होना क्यूँ लगता है गर्मी में अमराई जैसा. . तेरे…See More
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
23 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
23 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service