For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

nazir ahmad ansari(Nazir NAZAR)
  • Male
  • gwalior
  • India
Share on Facebook MySpace
  • Feature Blog Posts
  • Discussions
  • Events
  • Groups
  • Photos
  • Photo Albums
  • Videos

Nazir ahmad ansari(Nazir NAZAR)'s Friends

  • Ayub Khan "BismiL"
  • नादिर ख़ान
 

nazir ahmad ansari(Nazir NAZAR)'s Page

Profile Information

Gender
Male
City State
madhya pradesh
Native Place
bihar
Profession
Account officer
About me
पीछे कहता रहता है क्या-क्या मुझको , मेरे आगे जो गूंगा हो जाता है ...नज़ीर नज़र

मेरी ताज़ा ग़ज़ल 

बहर -फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फ़ा 

दुख जब कोई मुझसे बड़ा हो जाता है
रो लेता हूँ मन हल्का हो जाता है

उस दम महँगी पड़ती है तेरी आदत
सारा आलम जब सस्ता हो जाता है

कैरम की गोटी सा है जीवन मेरा
रानी लेते ही ग़च्चा हो जाता है

रोज़ बचाता हूँ इज़्ज़त की चौकी मैं
रोज़ मगर इन पर हमला हो जाता है

कैसे कह दूँ अक्सर अपने हाथों से
करता हूँ ऐसा, वैसा हो जाता है

पीछे कहता रहता है क्या-क्या मुझको
मेरे आगे जो गूंगा हो जाता है

उसकी शख्सीयत में मक़नातीस* है क्या
जो उससे मिलता उसका हो जाता है

ठीक कहा था इक दिन पीरो-मुर्शिद ने
“धीरे-धीरे सब सहरा हो जाता है”

नज़ीर नज़र 09165265444

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:53pm on November 26, 2013, नादिर ख़ान said…

वाह!! बहुत बेहतरीन .........

At 10:42pm on November 26, 2013, Ayub Khan "BismiL" said…

bhai bahut Umdaaa Bahut KhooB 

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मोल रोटी का उसी को - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। मतले के ऊला को यूं कर लें अब न काली रातों में ही...... दूसरे शेर…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"धन्यवाद आ. रचना जी"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी"
3 hours ago
Rachna Bhatia commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"आदरणीय नीलेश नूर जी नमस्कार। बेहतरीन ग़ज़ल हुई है।बधाई स्वीकार करें।"
4 hours ago
Rachna Bhatia commented on Rachna Bhatia's blog post ग़ज़ल - मुझे ग़ैरों में शामिल कर चुका है
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी नमस्कार। भाई हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

मोल रोटी का उसी को - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२/२१२*अब न रातों में ही काली चूमती फिरती है लबभोर में भी यह  उदासी  चूमती  फिरती है…See More
6 hours ago
Chetan Prakash posted a blog post

है ज़हर आज हवाओं में, दिल दहलते हैं

1212 1122 1212 22है ज़हर आज हवाओं में, दिल दहलते हैं ये मुनाफ़िकों की है बस्ती कि वो टहलते हैंके…See More
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post गीत -२३ (लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। गीत ने आपकी उपस्थिति से पूर्णता प्राप्त की। अपार स्नेह के लिए हार्दिक…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post गीत -२३ (लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति, स्नेह और सुझाव के लिए हार्दिक आभार। "पतझड़ को…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post श्रमिक दिवस के दोहे
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद। निवेदित…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मातृ दिवस के दोहे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Dr. Ashok Goyal's blog post एक ग़ज़ल हिंदी शब्दों के वाहुल्य  के साथ
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service