For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक पूर्व ऐतिहासिक विवेचन
——————————
स्वच्छता है क्या और इसका भाव आया कैसे , यह मनुष्य के जीवन में इतनी आवश्यक क्यों है , यह जानने की जिज्ञासा किसी को भी हो सकती है। आइये इसके विचार से जुड़े पहलुओं पर एक नज़र डालते हैं। ऐसा माना जाता है कि पाषाण युग के आदिम मानव के सम्मुख जीवन में अचानक आने वाली दो स्थितियों ने उसे काफी प्रभावित और चिंतित किया। एक है मृत्यु और दूसरी है रुग्णावस्था अर्थात किसी भी मनुष्य का अचानक बीमार हो जाना। प्रथम , मृत्यु ने उसके विचारों को इतना उद्वेलित किया कि वह ज्ञात संसार में अदृश्य कुछ अलौकिक शक्तियों के होने को मानने के लिए विवश हुए और उन पर सतत चिंतन ने उन्हें ईश्वरीय शक्ति के होने का भाव दिया जिससे उसमें अध्यात्म और ईश्वरीय चितन के विचारों का उद्भव हुआ।
दूसरा , रोग ने भी उन्हें कम उद्वेलित नहीं किया। रोगग्रस्त अवस्था में मनुष्य का शारीरिक रूप से क्षीण हो जाना और अपने दैनिक कार्य को संपन्न कर पाने असमर्थ हो जाना और रोग के कारण मृत्यु तक का हो जाना आदि सभी कुछ सम्मलित है, ने उसे रोग से बचने की प्रेरणा दी , जिससे उनमें भोज्य और अभोज्य का ज्ञान उत्पन्न हुआ , वातावरण में किस चीज़ से बचना है , उस भाव का विकास हुआ और इसी क्रम में गन्दगी से बचने और उससे दूर रहने का भाव उनमें उत्पन्न हुआ। यह बात आज भी उतनी ही सार्थक है जितनी पुरातन काल में थी। बीमारियों का कारण सदैव गन्दगी , दूषित जल, दूषित वायु और दूषित भोजन और परिवेश को ही माना जाता है जिसमें रोग जीवाणु उत्पन्न होते हैं जो रोग-संक्रामक होते हैं। इस विषय पर एच जी वेल्स ने तो यहां तक लिखा है कि स्वच्छता की इसी अवधारणा से मनुष्य में सचरित्रता का भाव विकसित हुआ।स्वच्छता निसंदेह स्वस्थ जीवन दायिनी है और स्वच्छ जीवन दीर्घायु देता है।किसी भी हैप्पी लाइफ इंडेक्स की साइट पर जाइये और देखिये कि सामन्य रूप से किसी भी देश के मनुष्यों की सामान्य जीवन आयु क्या है ? आप देखेंगे कि स्वस्थ जलवायु के साथ स्वच्छता इसका मूल कारक है। हम सुनते हैं कि हमारे पूर्वजों , ऋषियों की औसत आयु सौ वर्षों की होती थी। वह सामान्यतः शतायु होते थे तो आज क्यों नहीं होते हैं ? यह जान कर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि विश्व में अनेक देशों में लोग आज भी सामान्यतः शतायु होते हैं , उन देशों में ड्राइविंग लाइसेंस 96 वर्ष तक की आयु तक बनते हैं। फिर हम क्यों नहीं , यह न तो असम्भव है और न ही कठिन। केवल एक विश्वास की और एक संकल्प की आवश्यकता है , बस ठान लीजिये, फिर देखिये।


मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 475

Replies to This Discussion

आदरणीय एडमिन , सही जानकारी के लिए धन्यवाद , सादर।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service