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Rana Pratap Singh's Discussions (2,359)

Discussions Replied To (10) Replies Latest Activity

"यह भी गौरतलब है की एहतराम साहब की इस गज़ल में एक भी मात्रा गिराई नहीं गई है|"

Rana Pratap Singh replied Apr 27, 2011 to ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-6

15 Jan 27, 2016
Reply by kanta roy

"आदरणीय तिलक जी लाजवाब पोस्ट मुझे लगता है कि रदीफ किसी गज़ल का सबसे महत्वपूर्ण अंग हो…"

Rana Pratap Singh replied Apr 26, 2011 to ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-6

15 Jan 27, 2016
Reply by kanta roy

"सहमत"

Rana Pratap Singh replied Apr 13, 2011 to ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-5

36 Apr 22, 2017
Reply by Nilesh Shevgaonkar

"तो फिर यहाँ पर दुष्यंत का वह उल्लेख भी आवश्यक है जो उन्होंने "साये में धुप" की भूमिक…"

Rana Pratap Singh replied Apr 13, 2011 to ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-5

36 Apr 22, 2017
Reply by Nilesh Shevgaonkar

"छाने= छा+ने (ध्यान दें कि बढ़ा हुआ अंश निकालना है..ना कि सामान अंश) छुपाने=छुप+आने इ…"

Rana Pratap Singh replied Apr 12, 2011 to ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-5

36 Apr 22, 2017
Reply by Nilesh Shevgaonkar

"सहमत पर 'दरख्‍़तों के साये में घूप' नहीं "साये में धूप"|"

Rana Pratap Singh replied Apr 12, 2011 to ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-5

36 Apr 22, 2017
Reply by Nilesh Shevgaonkar

"इसमे ईता का ऐब है|   बरसी= बरस + ई पहुंची= पहुँच + ई"

Rana Pratap Singh replied Apr 12, 2011 to ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-5

36 Apr 22, 2017
Reply by Nilesh Shevgaonkar

"मेरी समझदानी के हिसाब से डिफेक्टिव काफिये पेश हैं शायर नंबर एक १. मैं जिसे ओढ़ता-बि…"

Rana Pratap Singh replied Apr 12, 2011 to ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-5

36 Apr 22, 2017
Reply by Nilesh Shevgaonkar

"तिलक जी  बहुत कुछ पता चला| सिनाद के ऐब पर  पर भी थोड़ा विस्तार से बताएं|"

Rana Pratap Singh replied Mar 23, 2011 to ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-3

53 Feb 22, 2012
Reply by Rajeev Bharol

"आदरणीय तिलक जी कम शब्दों में बहुत सटीक जानकारी दी है आपने| अगले अंकों की बेसब्री से…"

Rana Pratap Singh replied Mar 7, 2011 to ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-1

56 Jan 22, 2019
Reply by Asif zaidi

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
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