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दुख बाटे बाकिर खुसी होला रउआ के बतावत बानी,
हमके अइसन मीलली रानी उहो खूब नचावत बारी,
माई के हमरो पाव न दबाइहान इ हमसे कहत बारी ,
जईहान उहो माई के लगे हमके बुलावे के कहत बारी ,
अपने बनेली बढ़िया बहु हमके नलायक बनावत बारी ,
हमके अइसन मीलली रानी उहो खूब नचावत बारी,
उ जाये के चाहे ली प्रदेश हमके मोहरा बनावे ली ,
भौजी से कहवावेली उनका बिन रह ना पावेनी ,
गुरु के उ समझत नइखी बुझे ली उल्लू बनावे ली ,
हम त प्यार करीले उनसे ओकरे फायदा उठावे ली ,
हमके अइसन मीलली रानी उहो खूब नचावत बारी,

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Replies to This Discussion

गुरु के उ समझत नइखी बुझे ली उल्लू बनावे ली ,
हम त प्यार करीले उनसे ओकरे फायदा उठावे ली ,

जय हो गुरु जी , रौवा त लगत बा बवाल कराइब, बड़ा बरियार कविता लिखले बानी, जबरदस्त बा ई रचना ,
दुख बाटे बाकिर खुसी होला रउआ के बतावत बानी,
हमके अइसन मीलली रानी उहो खूब नचावत बारी,

jai ho guru jee ke.....bahut badhiya likhni ae guru jee....

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