For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुहकत बाड़ी "माई भोजपुरी", बीच बाज़ार मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,
ममता तड़प उठsल मतलबी समाज मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,

माई भाषा बोलला मे, लाज बा तोहके आवत,
ए.सी. वाली क़ोठरी मे बईठ, बात बाड़s बनावत,
अँगरेज़ी बोली के,लागल बाड़s,भोजपुरी के विकास मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,

घर मे बवाल करईबs, भोजपूरियन मे मार करईबs,
सरस्वती के अपमान करईबs, सुर से संग्राम करईबs,
महुवा मे व्हिश्की डाल, जहर बनावेलs बेकार मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी.अऊर बिहार मे,

आँख से लोर चुवेला, कोई नइखे पोछे वाला,
आपसे मे लड़े सब, कोई नइखे रोके वाला,
आँचारा मे दाग लगईलs, दूध बा सुखार मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,

कुहकत बाड़ी "माई भोजपुरी", बीच बाज़ार मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,
ममता तड़प उठsल मतलबी समाज मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,

**********************************************

हमार पिछुलका पोस्ट => भोजपुरी युगल गीत : फाँस मे साँस पड़ल...

Views: 2318

Replies to This Discussion

बागी बेटा
आशीर्वाद
अच्छा लिखा थोड़ा थोड़ा समझ आयी
धन्यवाद
आपकी गुड्डो दादी चिकागो से
दादी आपका आशीर्वाद सर्वोपरी है, बहुत बहुत धन्यवाद,
गणेश जी ,
प्रणाम बेहतरीन अभिव्यक्ति की है आपने अपने कविता '' कुहकत बाड़ी "माई भोजपुरी", के माध्यम से इस कविता में आपने यह बताने का प्रयास किया है , की भोजपुरी केवल क्षेत्रीयता में ही सीमित न रहे बल्कि उसके विकास के लिए हमे उसे रास्ट्रीय अस्तर पर लाना होगा | तथा इसके लिए हमे स्वयं भी प्रयासरत होना होगा | कविता की ये पंक्ति ज्यादा अच्छी लगी की {माई भाषा बोलला मे, लाज बा तोहके आवत,
ए.सी. वाली क़ोठरी मे बईठ, बात बाड़s बनावत,
अँगरेज़ी बोली के,लागल बाड़s,भोजपुरी के विकास मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,} आपने भोजपुरी के विकास में अंग्रेजी बोलने वाले के उपर करारा व्यंग किया है , बढिया कविता के लिए आपको बधाई | धन्यवाद
पूजा जी, आपका बहुत बहुत धन्यवाद, महुआ टी. वी. पर आ रहल कार्यक्रम सुर संग्राम के ध्यान मे रखके इ गीत हम लिखले बानी जेके स्वर देके गावल जा सकत बा,
नोट खातिर चोट देके बटलन भोजपुरिया ,
पहिलही से इ मजबूर रहे बाट देले नेहिया ,
न जाने कहिया ख़तम होई इनकर पागलपन ,
की समाज के पहिचानिहन भुलिहन रुपैया ,
धन्यवाद गुरु जी, आपके आशीर्वाद बहुत खाश होला हमारा खातिर,
घर मे बवाल करईबs, भोजपूरियन मे मार करईबs,
सरस्वती के अपमान करईबs, सुर से संग्राम करईबs,
महुवा मे व्हिश्की डाल, जहर बनावेलs बेकार मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी.अऊर बिहार मे,

बागी जी । बड़ाई करे खातिर शब्द नइखे मिलत । वाह ! केतना सहजता से एतना गंभीर विषय के संप्रेषण रउरा कर दिहले बानी । बहुत बढ़िया ।
नीलम दीदी धन्यवाद मान बढ़ावे खातिर, बाद बहिन के आशीर्वाद छोट भाई के आ वोकर गीत के मिलल, धन्य हो गईल दुनो ,
मति रोआ मति रोआ माई भोजपुरिया हो ,
तहरो नालायक बेटा के बाटे मजबुरिया हो ,
उल्लू बना के उहो पईसा कमायेला ला ,
उहो बुरबकवा के खाली पईसे बुझाये ला ,
लगावालास कड़ोरो उहो समझा मजबुरिया हो ,
मति रोआ मति रोआ माई भोजपुरिया हो ,

भोजपुरिया के नाम पर इ नाके कटवात बा ,
बहुते उजुल फुजूल भासा इ सुनावत बा ,
कबो न बुझात बा इ का कहे चाहत बा ,
झुठे मुठे के इहो बिकासे में लागल बा ,
अइसन जे करबा ना माफ़ करी भोजपुरिया हो ,
मति रोआ मति रोआ माई भोजपुरिया हो ,
बहुत खूब गुरु जी, बढ़िया अभिव्यक्ति देहनी रौआ,
Shree Ganesh Ji, aap ki kavita'' कुहकत बाड़ी "माई भोजपुरी", padakar mera maan gadgad ho gaya.
Mujhe ye samajh me nahi aata ki, aap ki tarif karu ya aap ki kavita ki.
Tarif to dono ki karani padegi...Aap ki jitani bhi tarif ki jay kaam hi hogi.
Bahut hi kabile tarif hai aap ki ye kavita...
Ma Saraswati ki kripa aap par sadaiv bana rahe...
Jai Matru Bhumi...Jai Bhraat Shanti...
धन्यवाद भाई शैलेश्वर जी, मुझे भी समझ मे नहीं आता की मैं आप लोगो के स्नेह का कर्ज कैसे चूका पाउँगा, पुनः आपका आभार ,

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ेफ जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"//जिस्म जलने पर राख रह जाती है// शुक्रिया अमित जी, मुझे ये जानकारी नहीं थी। "
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय अमित जी, आपकी टिप्पणी से सीखने को मिला। इसके लिए हार्दिक आभार। भविष्य में भी मार्ग दर्शन…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"शुक्रिया ज़ैफ़ जी, टिप्पणी में गिरह का शे'र भी डाल देंगे तो उम्मीद करता हूँ कि ग़ज़ल मान्य हो…"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. दयाराम जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। आ. अमित जी की इस्लाह महत्वपूर्ण है।"
2 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. अमित, ग़ज़ल पर आपकी बेहतरीन इस्लाह व हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, समयाभाव के चलते निदान न कर सकने का खेद है, लेकिन आदरणीय अमित जी ने बेहतर…"
2 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. ऋचा जी, ग़ज़ल पर आपकी हौसला-अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
2 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. लक्ष्मण जी, आपका तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
2 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. अमीरुद्दीन अमर जी, ग़ज़ल पर आपकी बेहतरीन इस्लाह व हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
2 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय अमीर जी, आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद आपको।"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service