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Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय दिनेश जी तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने बधाई पेश है । तीसरे एवं चौथे शेर में अब भी को…"
8 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार…"
16 minutes ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी अच्छी गजल के लिये आपको दिली मुबारकबाद । तीसरा शेर खास पसंद आया । हां मतले…"
17 minutes ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय आमीरुद्दीन साहब ग़ज़ल के लिये मुबारकबाद कुबूल करें । तीसेर शेर के सानी में काफिया को देखते…"
19 minutes ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय नीलेश नूर जी अच्छी ग़ज़ल से मुशाइरे का आगाज़ करने के लिये शेर दर शेर बधाई पेश है तीसरा चौथा…"
28 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय धामी जी सादर नमस्कार। दूसरा शे'र अच्छा लगा। ग़ज़ल के प्रयास हेतु बधाई"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"212 212 212 212 जान तक कर गया है निसार आदमीइक सुकूँ के लिए बे-क़रार आदमी मिट्टी का एक पैकर सँभाले…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. लक्ष्मण जी,ग़ज़ल का मतला कमज़ोर है, बेहतर हो सकता था ...ऐसे हालात ही अब कहाँ शेष जोआदमी पर…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब ...मतले की शुरुआत हू ब हू निदा साहब की ग़ज़ल के मतले की तरक़ीब के इस्तेमाल से…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"धन्यवाद आदरणीय अमित जी ..क़ियामत को देवनागरी क़यामत लिखना प्रचलन में है.. और स्वीकार्य भी और इस में…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"इस धरा से  मिटाकर  बहार आदमीचाँद पर खोजता उसके तार आदमी।१।*जिन्दगी को यहाँ  ले उधार…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"हर तरफ़ हर कहीं सोगवार आदमी   ग़म का मारा हुआ ख़ार-ख़ार आदमी  कैसे होगा कोई ग़म-गुसार…"
6 hours ago

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