For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साथिओ !

"OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-९ जिसका संचालन श्री राणा प्रताप सिंह जी के द्वारा किया गया, १५ मार्च २०११ से शुरू हो १७ मार्च २०११ को संपन्न हुआ ! यूँ तो इस से पहले भी ओबीओ द्वारा ८ मुशायरे आयोजित करवाए जा चुके है और खुश-किस्मती से मैं उन सब में शरीक भी रहा हूँ ! लेकिन जो आनंद इस बार आया, वो पहले किसी भी आयोजन से कहीं ज्यादा रहा ! होली को मद्देनज़र रखते हुए इस बार जो तरही मिसरा रचनाधर्मियों को दिया गया था वाह भारत के मश'हूर मिज़हिया शायर जनाब हुल्लड़ मुरादाबादी साहिब की एक ग़ज़ल से लिया गया था, जो की इस प्रकार था:

''रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जाएगा !''

ओबीओ जैसे गंभीर साहित्यक मंच पर का विषय होली के माहौल में वो रंग जमा वो समा बंधा कि देखते ही बनता था ! एक तो "पव्वा" ऊपर से होली का हुडदंगी माहौल, बताने की ज़रुरत नहीं कि शुरका ने क्या क्या खरमस्तियाँ की होंगी ! शक्ल-ओ-सूरत से निहायत ही संजीदा दिखने वाले और निहायत ही गंभीर विषयों पर लिखने वाले शायरों ने भी उस माहौल को वो रंगत दी कि मन बाग़ बाग़ हो उठा ! होली से पहले ही होली का माहौल अगर कहीं पैदा हो जाए तो उस में दाद देनी पड़ेगी उन शायरों को जिन्होंने इसे मुमकिन बनाया ! जिन लोगों को शायद चाय तक से भी परहेज़ रहा, उन्होंने भी "पव्वे" से "बोतल" तक का सफ़र इस महारत से तय किया कि देखते ही बनता था ! भले ही सारी रचनाएँ हुडदंगी रंग से रंगी हुई थी, मगर एक पल के लिए भी किसी ने शालीनता और भद्रता का साथ नहीं छोड़ा तथा मंच की मर्यादा का पूरा पालन किया !

पूरे आयोजन के दौरान माहौल बहुत ही हल्का-फुल्का, खुशनुमा और खुला-खुला सा रहा ! रचनायों के इलावा उन पर मसालेदार और चुटकीदार टिप्पणियों ने भी "आईसिंग ऑन द केक" वाला काम किया ! खासकर वीनश केसरी और राणा प्रताप सिंह द्वारा तकरीबन हरेक शायर की मिज़हिया खिंचाई इस आयोजन की एक यादगार बन कर रह गई ! समय समय पर श्री प्रीतम तिवारी द्वारा की गई चुहलबाजियों ने भी इस आयोजन की ताजगी को आखिर तक कायम रखा ! तकरीबन हर रचना को मुशायरे में शामिल सभी साथियों के साथ साथ अन्य पाठकों ने भी ना केवल खिले माथे स्वीकार ही किया बल्कि खुले मन से दाद भी दी ! यही नहीं बहुत सारी रचनायों के तो एक एक शेअर की समीक्षा हुई ! यहाँ मैं यह बताना भी ज़रूरी समझता हूँ कि किसी एक ग़ज़ल के सभी शेअरों की स्वतंत्र समीक्षा का चलन भी अंतरजाल पर ओबीओ ने ही शुरू किया है - जिसका मुझे हमेशा फख्र रहेगा !

उस से भी ज्यादा गर्व की बात इस बार यह रही कि आप सब के सहयोग और आशीर्वाद से इस OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-९ ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए ६४१ एंट्रीज़ के साथ एक नया कीर्तिमान भी स्थापित किया है !


मेरी दृष्टी में यह तरही मुशायरा हर तरह से निहायत कामयाब रहा ! इसकी कामयाबी का सेहरा हर उस शायर के सर जाता है जिन्होंने इस में शिरकत कर इस में चार चाँद लगाए ! मैं दिल से बधाई देता हूँ श्री गणेश बागी जी और प्रीतम तिवारी जी को जिनकी देखरेख में ये सारा आयोजन हुआ ! अंत में मैं बधाई देता हूँ श्री राणा प्रताप सिंह जी को जिन्होंने इस तरही मुशायरे को बहुत ही सफलता से संचालित किया ! भविष्य में भी ओबीओ ऐसे ही स्तरीय आयोजनों द्वारा साहित्य की सेवा करती रहे - यही मेरी कामना भी है और आशा भी ! अंत में आप सभी को होली की बहुत बहुत बधाई, ईश्वर आप सब की जिंदगियां मंगलमय करे ! सादर !

योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)

Views: 2077

Reply to This

Replies to This Discussion

अब किताब में ऐसा ही छापा था ..क्या करें ...धन्य हो वाणी प्रकाशन
वो भी कर दिया है
हुल्लड़ साहिब की इस हुल्ल्डी ग़ज़ल से रू-ब-करवाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया राणा भाई !
Bahut khoob ... Is gazal ke bina
आदरणीय योगराज जी प्रणाम,

अभी अभी नशा टूटा तो देखा की मैंने नशे में क्या क्या गुल गडापा मचाया है,
रपट में मेरी खुराफातों को याद रखने के लिए शुक्रिया :)

एक लाजवाब मुशायरे के लिए ओ. बी.ओ परिवार को बहुत बहुत बधाई
वीनस भाई, इस यादगारी आयोजन का नशा अभी और बहुत दिन तक रहने वाला है ! आपकी खुराफाती हरकतों से ही इस आयोजन में चार चाँद लगे थे ! आपको भी होली बहुत बहुत मुबारक !

आदरणीय संपादक जी , तरही मुशायरे की विस्तृत समीक्षा के लिये साधुवाद और होली की बहुत बहुत शुभकामनाये | इस बार तरही होली के रंग में खूब जमी | रिकार्ड टूटे , बधाई के पात्र आप सब टीम के साथी हैं | ओ बी ओ की साहित्य के प्रति यह सेवा प्रशंसनीय है | यहाँ उपस्थित सभी साथी अपनी विधाओं के माहिर और सक्रिय हैं | उम्मीद की जानी चाहिये की ओ बी ओ सफलता की इसी प्रकार नित नयी ऊंचाइयां तय करता जायेगा |

आपका बहुत बहुत धन्यवाद अरुण भाई, इस रिकॉर्ड तोड़ आयोजन का सेहरा आप के सर भी जाता है !
शानदार मुशायरे की शानदार समीक्षा के लिए एवं सारे शायरों की हज़लें एक साथ पढ़वाने के लिए योगराज भाई का बहुत बहुत शुक्रिया, आभार एवं धन्यवाद।
बहुत बहुत शुक्रिया धर्म भरा जी !

 

 

आदरणीय श्री योगी राज प्रभाकर  जी, 
आप को मेरा नमस्कार...................................
नमस्कार बंधुवर - होली बहुत बहुत मुबारक आपको !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
Saturday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Saturday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service