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kavita ke bare

kavita kya hai ?
do sabdon ke beech ka maun kavita hai ....ajyenji
(pl write yr definition of poem )
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sabdo ki anugunj mein kavita hai .....
sabdo ke bhitr chipi raag ko sangeet jo de wo kavita hai ...
sabhi kaviyon se,pathkon se anunay nivedan hai ki ve kavita ko peribhasit kere taki hum jaan sakekavita kya hai?
आदरणीय राकेश नारायण जी, सबसे पहले तो मै आपके Open Books Online के फोरम पर पहला परिचर्चा प्रारम्भ करने हेतु धन्यबाद देता हू ,
जब अनुभव कि कढाई मे, मन मे उपजे विचारो को डाल कर, ह्रदय की कलछी से बराबर चलाते हुए , समय कि आग पर, शब्दो के छौका के साथ जो व्यंज्जन बनता है मेरे ख्याल से उसी का नाम कविता है ।
कविता सबदो के माध्यम से ,अनुभव को चित्रित करने का एक सलीका है ..तथ्यों को भोगने के बाद उपजी विसंगति से प्रेरित हुए करुणा या गुस्सा है या ...
मन कि व्यथा को अभिव्क्त करने का एक माध्यम है, लेखक के अन्दर के गुब्बार को बाहर निकालने का एक ससक्त जरिया है या...........
कविता एन सबसे तटस्थ रह कर केवल एक ठंडी चाव है तपते मरुस्थल की उष्मा को सहने की ताक़त देनेवाली ...शीतल पनाह है ....
शान्तिप्रिय लोगो का,
हथियार है कविता,
करे गम्भीर असर ऐसा,
वार है कविता,
काट दे तलवार से भी गहरा घाव,
वो धार है कविता,
जो दिल मे आहिस्ते से उतर जाये,
वो प्यार है कविता,
घावों को जो सहला दे
दर्द को जो सहने की ताक़त दे
सबदो को जो गूँज दे
म्न को जो सुकून दे
कहे कुछ नही
इशारा भर केरे
ततषट रह कर जो
राग ऐसी सुनाए
की मंतरा मुग्ध
होकेर फिर पाठक
को ऐसी रह दे
जिस पेर चल कर
वो उसे पा जाए
जिसे ढूंढता ढूंढता
वो कवि हो जाए

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