For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार का एक वर्ष का सफ़र : कैसा रहा आपका अनुभव..

साथियों !

सबसे पहले मैं आप सभी को बहुत बहुत बधाई देना चाहता हूँ आपका अपना OBO परिवार एक वर्ष का सफ़र सफलता पूर्वक तय कर लिया है, इस परिवार के साथ आपका अनुभव कैसा रहा यह आप यहाँ लिख सकते है ताकि हमें भी जानकारी प्राप्त हो सके कि क्या चाहते है हमारे प्रिय सदस्य |

इस वर्ष हेतु योजना तैयार करने में आपके अनुभव और टिप्पणी सहायक सिद्ध हो सकते है, OBO प्रबंधन समूह सदैव आपके विचारों का स्वागत करता रहा है और आगे भी करता रहेगा |

 

आपका अपना ही

एडमिन

ओपन बुक्स ऑनलाइन

Views: 1794

Reply to This

Replies to This Discussion

सभी को हार्दिक बधाई

 

वार्षिकोत्सव की क्या व्यवस्था है ? :)

पास बैठों को तो खिलाते हो

दूर बैठों के दिल जलाते हो।

आप भी लीजिये हुजुर, बिना दात वालों के लिए खास बनवाई है :-)

एक कटोरा गुलाबजामुन, एक कटोरा रसगुल्ला

भाई वाह जी भाई वाह.. मीठा-मीठा भल्ला 

रसगुल्ले का मधुर हास

मीठा-मीठा उज्ज्वल उज्ज्वल 

लहराता परिहास खास.. रसगुल्ले का मधुर हास.

 

वर्षगाँठ की पार्टी बधाई हो.

शुभकामनाओं सहित ...

 

मुझे ओबो में जुड़े करीब ९ महीने हुवे, लेकिन जितना अपनापन इस साईट  पर मिला उतना किसी भी सोसल नेट वोर्किंग साईट पर नहीं मिला| मुझे आशा नहीं पूर्ण विश्वाश है की हमारा ओबो ऐसे ही तरक्की करता रहेगा|
जय OBO
आशीष जी , OBO एक साईट ही नहीं यह तो हम सबका परिवार है , भाव व्यक्त करने हेतु धन्यवाद |

ओ.बी.ओ. की प्रथम वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !  इस दौरान आयोजित किए गए विविध आयोजन तरही और इवेंट से इस मंच ने समृद्धि की ऊँचाइयों को छुआ है | यद्यपि चाह कर भी मैं इन आयोजनो में अधिक सक्रियता से भाग नहीं ले पाई । फिर भी यहाँ नए नए साहित्यकारों की रचनाये पढकर निश्चय ही लिखने और साहित्य को समझ सकने की ‌‍क्षमता में वृद्धि हुई है । साईट के सभी सदस्यों सहित पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाये !   

नीलम जी , बहुत बहुत धन्यवाद सराहना हेतु , आप सबका स्नेह इसी तरह मिलते रहना चाहिए, भविष्य में बहुत कुछ करने की योजना है |

फायलातुन् (2122) की आवृत्ति से बनने बह्र-ए-रमल में लीजिये मेरे भाव:

शब्‍द मुझको कुछ प्रयोगों में बहुत अभिनव मिले हैं

शायरी और काव्‍य के अनुपम कई उत्‍सव मिले हैं।

देर से आया मगर, क्‍या पा सका मैं क्‍या बताऊँ

कुछ नये लोगों से(स) परिचय, कुछ नये अनुभव मिले हैं।

धन्यवाद तिलक जी |

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post मनका छंद
"आ. भा सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर छन्द हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
9 minutes ago
Sushil Sarna posted a blog post

मनका छंद

मनका / वर्णिका छंद - तीन चरण, पाँच-पाँच वर्ण प्रत्येक चरण,दो चरण या तीनों चरण समतुकांतमस्त जवानी   …See More
4 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post बेटी दिवस पर दोहा ग़ज़ल. . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार । सहमत"
20 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .राजनीति
"हार्दिक आभार आदरणीय"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .राजनीति
"आ. भाई सशील जी, शब्दों को मान देने के लिए आभार। संशोधन के बाद दोहा निखर भी गया है । सादर..."
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .राजनीति

दोहा पंचक. . . राजनीतिराजनीति के जाल में, जनता है  बेहाल । मतदाता पर लोभ का, नेता डालें जाल…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post बेटी दिवस पर दोहा ग़ज़ल. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।  अबला बेटी करने से वाक्य रचना…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on KALPANA BHATT ('रौनक़')'s blog post डर के आगे (लघुकथा)
"आ. कल्पना बहन, सादर अभिवादन। अच्छी कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शिवजी जैसा किसने माथे साधा होगा चाँद -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शिवजी जैसा किसने माथे साधा होगा चाँद -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"वाह आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत ही खूबसूरत सृजन हुआ है सर । हार्दिक बधाई"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .राजनीति
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।सहमत देखता हूँ"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for Radheshyam Sahu 'Sham'
"आ. भाई राधेश्याम जी, आपका ओबीओ परिवार में हार्दिक स्वागत है।"
Sunday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service