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कवि - राज बुन्दॆली's Discussions (239)

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"ख्वावों में जब हम दोनों यूँ फिर से मुद्दत बाद मिले lतुम याद आये और तुम्हारे साथ ज़मान…"

कवि - राज बुन्दॆली replied Dec 24, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"तनहाई के साए मेरी रातों से गुज़़रे जब-जब “तुम याद आए और तुम्हारे साथ ज़माने याद आए”…"

कवि - राज बुन्दॆली replied Dec 24, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"जब-जब बात चली चाहत की,मेरे आगे लोगों मेंतुम याद आए और तुम्हारे साथ जमाने याद आये।ईमा…"

कवि - राज बुन्दॆली replied Dec 24, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"सिर रक्खे प्रिय के काँधे पर बेसुध जब उसको देखा तुम याद आये और तुम्हारे साथ ज़माने याद…"

कवि - राज बुन्दॆली replied Dec 24, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"लाख गरीबी में पलते थे पर फिर भी खुद्दारी थी कदमों ने जब पाई मंजिल साथ सयाने याद आए…"

कवि - राज बुन्दॆली replied Dec 24, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"उनकी नज़रों के मरहम में यारो ऐसा जादू था   भूल चुके जो इक अरसे से, ज़ख्म पुराने याद आय…"

कवि - राज बुन्दॆली replied Dec 24, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"दो चिड़ियों को शाख़ के ऊपर हम ने जब मिलते देखा तुम याद आए और तुम्हारे साथ ज़माने याद आऐ…"

कवि - राज बुन्दॆली replied Dec 24, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"इक मुद्दत के बाद उन्होंने मुझ पर ये एहसान किया चैन से मैं बैठा था, मेरे दिल को दुखान…"

कवि - राज बुन्दॆली replied Dec 24, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"चलते चलते राहों में फिर आज वफ़ा की बात छिड़ी"तुम याद आये और तुम्हारे साथ ज़माने याद आये…"

कवि - राज बुन्दॆली replied Dec 24, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय,,,,, आशीष जी बहुत बहुत बधाइयां आपको"

कवि - राज बुन्दॆली replied Dec 24, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
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"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
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"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
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