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नादिर ख़ान's Discussions (1,566)

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"रंग बदले तुम्हारे, हुई दंग मैं, दूर रहने का हर दिन बहाना हुआ।  अपने घर से ही नज़रें च…"

नादिर ख़ान replied Dec 28, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय राजकुमार जी, आपने क्या ही खूबसूरत गज़ल कही है ।बहुत पसंद आई .. और हाँ आदरणीय य…"

नादिर ख़ान replied Dec 28, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"चाहतों को इधर फिर उड़ाने मिलींजब हया से तेरा मुस्कुराना हुआ  ये ख़बर आयी है, आज मिलना…"

नादिर ख़ान replied Dec 28, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"धूप से कल्पना को सजाना हुआ धुंध की साजिशों से बचाना हुआ साँस पर बंदिशे तारी होने लगी…"

नादिर ख़ान replied Dec 28, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीया वंदना जी, कल्पना रमानी जी आदरणीय अलबेला जी, गिरिराज जी, विन्ध्येश्वर त्रिपाठ…"

नादिर ख़ान replied Dec 28, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"ख़्वाहिशों की सजी मण्डियाँ देखिये अब तो ख़्वाबों का भी कारखाना हुआ एक झटके में तूने…"

नादिर ख़ान replied Dec 28, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"अदरणीय सौरभ जी हर शेर पर एक ही शब्द निकल रहा है  वाह वाह वाह वाह वाह वाह  क्या ही ब…"

नादिर ख़ान replied Dec 28, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"सोचते ही रहे दूर शिकवा करेंवो न आये, न मेरा ही जाना हुआ। कौन ठहरा यहॉं पर सदा के लिय…"

नादिर ख़ान replied Dec 28, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"ज़ख्म हमदर्दियों से न भर पाएंगे फैंक दो अब ये मरहम पुराना हुआ झाड़ डाला है झाड़ू ने ऐ…"

नादिर ख़ान replied Dec 28, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"ज़िंदगी से मेरी, उनका जाना हुआ अपनी मजबूरियों का बहाना हुआ   राह जब से हमारी जुदा हो…"

नादिर ख़ान replied Dec 28, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल अच्छी है, लेकिन कुछ बारीकियों पर ध्यान देना ज़रूरी है। बस उनकी बात है। ये तर्क-ए-तअल्लुक भी…"
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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"२२१ १२२१ १२२१ १२२ ये तर्क-ए-तअल्लुक भी मिटाने के लिये आ मैं ग़ैर हूँ तो ग़ैर जताने के लिये…"
2 hours ago

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ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )

चली आयी है मिलने फिर किधर से१२२२   १२२२    १२२जो बच्चे दूर हैं माँ –बाप – घर सेवो पत्ते गिर चुके…See More
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"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर नज़र ए करम का देखिये आदरणीय तीसरे शे'र में सुधार…"
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8 hours ago

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कुंडलिया. . .चमकी चाँदी  केश  में, कहे उमर  का खेल ।स्याह केश  लौटें  नहीं, खूब   लगाओ  तेल ।खूब …See More
12 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
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Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर इस्लाह करने के लिए सहृदय धन्यवाद और बेहतर हो गये अशआर…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. आज़ी तमाम भाई "
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Nilesh Shevgaonkar commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आ. आज़ी भाई मतले के सानी को लयभंग नहीं कहूँगा लेकिन थोडा अटकाव है . चार पहर कट जाएँ अगर जो…"
13 hours ago
Aazi Tamaam commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
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