For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Veerendra Jain's Discussions (215)

Discussions Replied To (215) Replies Latest Activity

"अजब शजर ये भ्रष्ट जड़ें फैली हैं भारत में दूर विदेशों में जाकर फल इसका लगता है।   रंग…"

Veerendra Jain replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"मेरी हद तंग करो ना भाई भाई के झगड़े मेंरोते रोते हमसे गमगीं पुरखों की दीवार कहे।सिर्फ़…"

Veerendra Jain replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"Aacharya shri...koti koti pranam aapko..."

Veerendra Jain replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"Arun ji...kya baat hai...bahut hi badhiya....badhai swikar karen..."

Veerendra Jain replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"Digamber saab...saare sher ek se badhkar ek hain...bahut hi badhiya gazal...bahut ba…"

Veerendra Jain replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"सबके जीवन की दिनचर्या, मानो बहता दरिया,सडको पे हुजूम, पानी का रेला लगता है।। bahut h…"

Veerendra Jain replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"badhiya sher hain Tapan ji...badhai..."

Veerendra Jain replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"क्यों कर ओढ़ रखी है तूने ये नकली चादर मुसकाने पर यार ख़ुदा का बन्दा लगता है. दर्शन त…"

Veerendra Jain replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"आंधी और तुफानो से लड़ना हमको आता है हिम्मत  अगर जवां हो  हर पर्वत पहाड़ कहे , नहीं म…"

Veerendra Jain replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"उससे दो थप्पड़ खाकर हंसना मेरी मजबूरी है,दुनिया क्या जाने वो मेरा बेटा लगता है।दर्द क…"

Veerendra Jain replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
42 minutes ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
9 hours ago
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
13 hours ago
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
13 hours ago
Ravi Shukla commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत अच्छी गजल आपने कहीं करवा चौथ का दृश्य सरकार करती  इस ग़ज़ल के लिए…"
13 hours ago
Ravi Shukla commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेंद्र जी बहुत अच्छी गजल आपने कहीं शेर दर शेर मुबारक बात कुबूल करें। सादर"
13 hours ago
Ravi Shukla commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी गजल की प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई गजल के मकता के संबंध में एक जिज्ञासा…"
13 hours ago
Ravi Shukla commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय सौरभ जी अच्छी गजल आपने कही है इसके लिए बहुत-बहुत बधाई सेकंड लास्ट शेर के उला मिसरा की तकती…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर आपने सर्वोत्तम रचना लिख कर मेरी आकांक्षा…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service