For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बतकही (2) ( गपसप )

लछुमन भाई के चाय के दुकान पर बईठ के हम चाय के चुस्की ले ले के पेपर पढ़त रहनी ह, पेपर में सब जगे दीदी के चर्चा बा , पेपर देखत रहनी तबे हमरा बुझाइल ह कि केहू हमरा सामने खड़ा बा हम आपन माथा ऊपर कईनी त देखतानी कि बिगन ठाकुर आउर महेश सिंह दुनु जाना हाथ जोडले खडा बा लोग, हमर ऊपर देखत भइल ह कि दुनु जाना एके संगे प्रणाम गुरु जी बोलुये लोग, हमहू प्रणाम के जबाब प्रणाम में दिहनी, तबही महेश सिंह फेरु चाय बनावे के आदेश दे देहुअन, लछुमन भाई चाय बनावे में लगलन तले दू चार आदमी आउर आ गइल, आउर चुनावी चर्चा होखे लगुवे हम कहुवी भाई अभी दू चार दिन तोल मोल के बोल लोग सेहत खातिर आच्छा रही काहे की बहुत लोग लाल से हरिहर गुलाल लगावे लागल बा बाकिर अन्दर से लाल के गुबार अभी बनल बा, तबही बिगन ठाकुर कहलन एगो बात पूछी गुरु जी ? त हम कहनी एगो का दू चार गो पूछ, उ कहलन हमर यादाश्त थोडा कमजोर बा बाकिर येताना इयाद बा की दीदी बाजपेई जी के सरकार में भी रेल मंत्री रहली , हम कहनी एक दम ठीक रहली , त उ कहले उ एह से पदत्याग कर देले रहली की वो सरकार में ताबूत घोटाला भइल रहे, हम कहनी इहो बात तोहर सही बा, फिर उ कहलन तब रउआ इहो इयाद होई की वो साल दीदी के बड़ा शर्मनाक हार भइल रहे, हमार जबाब रहे तहरा यादाश्त के जबाब नइखे भाई , त उ कहले एगो पत्ता के बात सुनी दीदी जब महंगाई के घोटाला के बिरोध कईली त कही के न रहली आउर आज महंगाई के साथे साथे घोटाला बाजन के साथ दिहली त आज उनकर बल्ले बल्ले हो गइल बा, एह बात पर सब कोई के आँख खुल्ले रह गइल, तब हम कहनी बिगन भाई तहार बात ठीक बा बाकिर जनता के लगे कवनो रास्ता न रहल ह आगे पहाड़ पीछे खाई वाला बात रहल ह , आउर लोग बाग बुरबक नइखे देखत नइख दीदी के अकेले बहुमत में ले आइल बा, अब दीदी घोटाला बाजन के संगे महंगाई के भी बिरोध करिहन काहे से दीदी जुझारू नेता हई, जईसे बन्दर गुलाटी मारल न भूले वईसे दीदी भी आपन काम न भुलिहन आउर इहे भगवन से निवेदनो बा की उ दीदी के शक्ति देस, हम सब कोई के राम सलाम क के चल देहनी |,

Views: 1376

Replies to This Discussion

बहुत खूब गुरु जी , बात बात मे बहुत बड़ बात बतिया देत बानी, बहुत नीमन शुरुआत बा, बतकही होत रहला के काम बा, प्रसंसा के योग्य बा इ बतकही |
बहुत खूब - अइसन बतकही हमेशा होखत रहे के चाहीं ।
bahut bahut dhanybad bagi ji aur nilam ji

भाई रविकुमारजी, राउर ई गपसप के मचान पर हम पहिला हाली चढ़ल बानी  आ अतना मजगर बात पर टिप्पणी देखि-पढ़ के मन एकदम्म से भक्क भऽ गइल बा. पहिला पर तऽ हमसे हमार बधाई सँकारऽ.  तहार ई लिखाई कहवाँ अलोत रहे भाई?!! अतना बरियार कथ्य खातिर हमार बड़हन आशीष. 

हमरा अपना लइकाईं के दिना इयाद आवे लागल बा जब पटना से ’आर्यावर्त्त’ अखबार छपत रहे अ ओह में चुटकुल्लानन्द की चिट्ठी नाँव से एगो कालम हरदिना आवे.  ऊ हरदिना के कालम रहे भा साप्ताहिक आवे.. ई अब एतना इयाद तऽ नइखे, बाकिर ऊ सामाजिक लफ्फाजी पर जोरदार चिउँटी लेवे.  एह गपसप के जिनिगी निकहा लमहर होखो आ अइसना टिप्पणी से ओझुराइल मन के खोराकी मीलत रहो. .. ईहे प्रार्थना बा... एक बेर फेर से बधाई आ हिरदा से आशीष.

pandey ji raura ke bahut bahut dhanyabad ye kadar se hamar manobal badhawe khatir,

ई पाँड़ेजी के हऽ,  ए रवि जी?   कहीं राउर इसारा आ सम्बोधन हमरा ओरी त नइखे. बाकिर, हम तऽ सौरभ हईं जी.

ok sir ji saurabh bhaiya hi bolunga

हमार मन आ दिल से स्नेह चहुँपो..  आपन छोटका भइया के..

खूब पऽढ़ऽ...  खूबे सीखऽ.. आ मन से गूनऽ.. 

एह ओबीओ के लगले निकहा सही आ गुनी लोगन का बीच में बाड़ऽ  भाई.  .. मौका जनि जाये.. .

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति और प्रशंसा से लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
12 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय "
13 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने एवं सुझाव का का दिल से आभार आदरणीय जी । "
14 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सौरभ जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया एवं अमूल्य सुझावों का दिल से आभार आदरणीय जी ।…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहो *** मित्र ढूँढता कौन  है, मौसम  के अनुरूप हर मौसम में चाहिए, इस जीवन को धूप।। *…"
Monday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service