For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पूर्णिमा के चाँद को देखते ही आज पिंकी फिर मचल उठी,''मुझे चंदा मामा के पास जाना है ,मुझे वहां ले चलो न ,''और इतना कहते ही उसने जोर जोर से रोना शुरू कर दिया । उसके भाई राजू ने हँसते  हुए उससे पूछा ,''तुम चाँद पर जा कर क्या करोगी ?''मै वहां बूढी नानी से चरखा चलाना सीखूँ गी ,मुझे बस उनके पास जाना है ,जाना है ।''झट से पिंकी ने जवाब दे दिया । राजू ने लाख समझाया कि वहां कोई नानी नही रहती ,पर वह मानने को तैयार ही नही थी| अपनी नन्ही सी बहन को कैसे समझाये राजू ,''अरे मेरी प्यारी बहना जिसे तुम नानी कहती हो वह तो दरअसल चाँद पर  बहुत बड़े बड़े गड्डे है ,तुम्हारे चन्दा मामा हमारी धरती से बहुत बहुत दूर है इसलिए वह गड्डे तुम्हे बूढ़ी औरत जैसे दिखाई देते है , वहां तुम्हे सांस लेने के लिए हवा भी नही मिले गी और वहां  चलना भी आसान नही है तुम तो बहुत हलकी हो जाओ गी ,चलने पर ऐसे लगे गा जैसे तुम छलांगे लगा रही हो ,राजू उसका मजाक उड़ा कर जोर जोर से हंसने लगा, ''कितनी अजीब लगोगी तुम मुहं पर आक्सीजन का मास्क ,हवा में उडती हुई ,हा हा हा ,''राजू की बाते सुनते ही पिंकी ने और जोर जोर से रोना शुरू कर दिया  और रोते रोते निंदिया देवी की गोद में चली गई ,पहुँच गई स्वप्नलोक में चंदामामा के दुवारे ,दूर से बूढ़ी नानी दिखने वाली के पास ,पर यह क्या वह धरती से सुंदर दिखने वाले चंदामामा को क्या हो गया ,उनकी चमक गायब हो गई ,वहां पर वह ढूँढती रही बूढ़ी नानी को लेकिन वहां सिवा बड़े बड़े खड्डों के कुछ भी तो नही था ,उसे उसका प्यार भैया राजू दूर खड़ा नजर आया ,उसने अजीब से कपड़े पहन रखे थे मुहं भी अजीब सा लग रहा था और एक लम्बी से नली  उसकी पीठ पर रखे सिलेंडर से उसकी नाक पर आ रही थी ।राजू को देखते ही पिंकी उसकी ओर भागी ,अरे यह क्या हुआ ,उसकी इतनी ऊंची छलांग ,डर के मारे जोर से चीख उठी ,'' बचाओ भैया ,मुझे बचाओ ,मै गिर रही  हूँ । ''धड़ाम की आवाज़ सुन कर राजू भागा भागा कमरे में आया ,''अरे पिंकी तुम सोये सोये बिस्तर से नीचे कैसे गिर गई ?लगता है तुमने चाँद से धरती पर छलांग लगा दी है ।'' हा हां हां राजू जोर से हंसने लगा । 

Views: 775

Replies to This Discussion

बहुत खूब 

सादर बधाई प्रस्तुति हेतु 

हार्दिक धन्यवाद ,

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह..बहुत ही सुन्दर और जीवंत..हार्दिक बधाई आदरणीय अशोक जी छंद में ही आपने तो,कुंभ घुमवा दिया है,ऐसे…"
5 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्र पर घनाक्षरी का सुन्दर प्रयास हुआ है आपका. हार्दिक…"
11 minutes ago
Sushil Sarna posted blog posts
15 minutes ago
नाथ सोनांचली posted a blog post

कविता (गीत) : नाथ सोनांचली

जब उमड़ते भाव अविरल अश्रु का संसार लेकरतब कहीं कविता उपजती शब्द का आकार लेकरपीर के परिमाप से करके…See More
15 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहे (प्रकृति)

दोहे (प्रकृति)पूजूँ प्रकृति प्रथम पद, पग-पग पर उपकार।अस्थि चर्म की देह मम, पंच तत्त्व का…See More
15 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी,  हार्दिक धन्यवाद प्रशंसा के लिए | गेयता के संबंध में आप सही हैं| "
59 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, प्रदत्त चित्र को बहुत शाब्दिक किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र को महाकुम्भ से जोड़कर आपने बहुत सुन्दर…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रभाजी बहुत ही सुन्दर तरीके से हर पद में तुकांतता का ध्यान रखते हुए मनहरण घनाक्षरी की…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"  जी ! आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, मैंने सायास प्रदत्त चित्र को कुम्भ से जोड़ने…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत छंद की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. सादर "
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, मेरे प्रस्तुत कवित्त पर कवित्त में प्रतिक्रिया पाना मेरा सौभाग्य…"
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service