For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भोजपुरिया समाज मे एगो बहुत पुरान आ पारम्परिक रिति रिवाज बा "माई के पुजईया" ,आज हम उहे रिति रिवाज के वर्णन करे के प्रयास करत बानी ...

जब हमनी के समाज मे कोई के शरीर पर छोट छोट, लाल रंग के विशेष प्रकार के दाना निकल जाला त वोके लोग माई जी के आगमन कहेला और विशेष तरीका से माई (देवी माई) मान के पूजा अर्चना कईल जाला, पहचान करे खातिर माली, मालिन लोग के सहयोग लिहल जाला, उ लोग हि बतावेला कि ई माई जी ही हई या दोसर कवनो बेमारी ह |

पूजा उपचार:-जब घर के कवनो सदस्य के शरीर के उपर लाल रंग के विशेष दाना निकल जाला त घर के बड़ बुजुर्ग माली, मालिन भा जानकार लोग के बोलाS के माई के अईला के पहचान करावेला, पहचान भईला के बाद तुरन्त कुछ नियम के पालन घर के सब लोग करे लागेला, नियम हम आगे लिखब, घर के साफ सफाई कराके एगो साफ सुथरा कमरा के गाय के गोबार से लिप दिहल जाला आ परभावीत व्यक्ति के माई के दर्जा दे के वोह कमरा मे स्थान देवल जाला और धूप अगरबती जला देवल जाला,( अब हम परभावीत व्यक्ति के माई कह के हि सम्बोधित करब ) जब माई के शरीर मे जलन के अनुभव होला त नीम के पत्ती से शरीर के सोहरावल जाला, ई सिलसिला समान्यतः ३ से ५ दिन तक चलेला वोकरा बाद माई के पूजईया कय के विदाई कर दिहल जाला, आश्चर्यजनक रुप से परभावित व्यक्ति ठिक भी हो जाला |

नियम अउर पूजा:-माई के आगमन के पहचान भईला के बाद घर मे पूजईया होखे तक सादा खाना बनी, माने बिना छौका के तरकारी, सादा लिट्टी बनी, छानल बघारल समान ना बनी, घर के सदस्य नया कपड़ा, तेल, साबुन,हजामत से परहेज रखी लोग, विल्कुल घर के माहौल सात्विक रही, माली के बतवला के अनुसार ३ या ५ दिन पर मईया के पूजा कईल जाई,
पूजा खातिर घर के आंगन मे गाय के गोबर से लिप के लकड़ी के पिढ़ा पर मईया के बईठावल जाई, परभावित व्यक्ति के दादी, महतारी भा घर के बड़ महिला सदस्य माई के पिछे बइठिहन, दूब, हल्दी, सरसो के तेल माई के सिर पर चढ़ावल जाई, फेनू पीछे बइठल महिला अपना अचरा के माई के उपर रखिहन आ वोमे फुलावल चना पानी सहित ऎ तरह से गिरावल जाई कि चना छन के अचरा मे रह जाई आ पानी माई के सिर पर गिरत नीचे आ जाई, पूरा पूजा के अवधि मे देवी माई के पारम्परिक गीत गांव महल्ला के महिला गावत रहिहन लोग, निमिया के डाढ मइया डालेली झुलुअवा हो कि झुली झुली ना परसिध पारम्परिक गीत बा , पूजा समाप्ति के बाद सब ऎहवात(सुहागन) महिला के सिर मे सेन्दुर आ कडवा तेल, बाकि महिला आ लईकि लोग के सिर मे तेल लगा के, सब के गुड आ चना के परसाद बाट पूजा के विसर्जन कई दिहल जाला ।


का कहेला डाक्टर लोग:-डाक्टर लोग ऎके चिकनपाक्स नामक छुवा छुत के बेमारी बतावेला आ कहेला कि दवाई से इ ठिक होखे वाला बेमारी ह ।

का बा इ रिति रिवाज के पिछे चिकित्सा विज्ञान:-चिकित्सा विज्ञान साफ कहत बा कि इ छुवा छुत के बेमारी ह माने एक दुसरा से फइले वाला रोग, एहसे रोगी के अकेल कमरा मे साफ सफाई के साथ रखल जाला, नीम के पत्ता मे बैक्टिरिया के मारे वाला गुण होखे के कारन वोकर परयोग कईल जाला, गाय के गोबर मे भी बैक्टिरिया के सोखे के गुन होला वोह से घर के लिपाई गोबर से कइल जाला, चना मे भी कुछ एईसन गुण होला जवन कि चिकेनपाक्स के ठिक करे मे सहायक होला। सादा खाना के पिछे इ तथ्य छुपल बा कि तेल मसालेदार तरकारी ई रोग के बढावे मे सहायक होला, बरावे से परभावित व्यक्ति जल्दी ठिक हो जाइ आ घर के बाकी सदस्य ऐह बेमारी से बच जाई ।

ई लेख लिखे के पिछे कारण:-ई लेख लिखे के पिछे हमार उदेश्य ऐह बात के बतावल बा कि हमनी के भोजपुरिया समाज बहुत पहिले से ही उ चिजन के खोज कइ के वोकर प्रयोग भी करत रहल आ करत बा जवना के आधुनिक विज्ञान आज खोज रहल बा ।

Views: 898

Replies to This Discussion

bahut badhiya jaankari diya hai aapne ganesh bhaiya....bahut bahut dhanyabaad.....
bahut badhia jankari dehani rauaa

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"बच्चों का ये जोश, सँभालो हे बजरंगी भीत चढ़े सब साथ, बात माने ना संगी तोड़ रहे सब आम, पहन कपड़े…"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद ++++++   आँगन में है पेड़, मौसमी आम फले…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . .तकदीर
"आदरणीय अच्छे सार्थक दोहे हुए हैं , हार्दिक बधाई  आख़िरी दोहे की मात्रा फिर से गिन लीजिये …"
20 hours ago
सालिक गणवीर shared Admin's page on Facebook
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर   होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर । उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service