आदरणीय अम्बरीश श्रीवास्तवजी, यह समाचार पढ़कर प्रसन्नता हुई क़ि दुरुद्वारा,सीतापुर में आपको सम्मानित किया गया है | इस उपलब्धि पर आपको हार्दिक बधाई - लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर
thank you so much my dear friend ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद - हार्दिक आभार, कृपया यों ही स्नेह बनाए रखिये, आपका सौजन्य ही मेरा पराक्रम है, ખુબ ખુબ આભાર ...ખુબ ખુબ આભાર ....તમારી શુભકામનાઓ મારા સીર આંખો પર ...........
प्रिय और आदरणीय अम्बरीश जी जन्म दिन पर (विलंबित) ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं आप दिन दिन उगें चमकें सूरज से हम सब रौशनी यों ही पायें .प्रभु सब मंगल करें .जय श्री राधे
आदरणीय अम्बरीश भाई, आपके स्नेह का ऋणी हूँ, सुबह सुबह प्रथम शुभकामना वो bhi कुण्डलिया के रूप में दूरभाष पर सुन कर मन आनंदित हो गया, बहुत बहुत आभार आपका |
अम्बरीश सर,
मैं अपने मेरे ऑफिस में obo site prohibited hai.. मैं जैसे तैसे खोल कर कमेंट्स करती हूँ...reply button काम नहीं कर रहा है ..और मेरा कमेन्ट delete भी नहीं
हो रहा है... INBOX. भी काम नहीं कर रहा .. इस
लिए massage भी नहीं कर पा रही हूँ....मैं अभी शाम ७ बजे तक कुछ करने में अक्षम हूँ...इसलिए क्षमा चाहती हूँ.....अब मैं ७ बजे के बाद ही अपनी गलतियों को सुधार पायुंगी...
क्षमाप्रार्थी ...
महिमा श्री
राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' replied to Ambarish Srivastava's discussion ''चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक -१२'' in the group चित्र से काव्य तक माननीय मयंक जी, नमस्कार. वियर रस की नदिया बहा दी आपने. बधाई /////परम स्नेही बस्तीवी जी सादर अभिवादन भाई यह अद्भुत रस मेरे लिए नया है और इसे काव्य में समाहित करना भी एक कला है और इस रस को पहचानना भी अपने आप में अद्भुत है आप दोनों को बहुत बहुत बधाई :) वैसे शायद होली बीत गई बीत गई न :) सादर
At 12:34am on February 29, 2012, Monika Jain said…
Aaj ke daur me aadarsho ke saath jine ki pida ke dard ke saath watan ke prati aapki rachna me jo phikra nazar aati hai wo sarahniya hai.
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
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Er. Ambarish Srivastava's Comments
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आदरणीय अग्रज अम्बरीश जी, आपको सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.......
सदस्य टीम प्रबंधनDr.Prachi Singh said…
जन्मदिवस की शुभकामनाओं के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अम्बरीश जी.. दो दिन के लिए हरिद्वार प्रवास पर थी इसलिए सन्देश आज ही देख सकी. हार्दिक धन्यवाद
आदरणीय अम्बरीश श्रीवास्तवजी, यह समाचार पढ़कर प्रसन्नता हुई क़ि दुरुद्वारा,सीतापुर में आपको सम्मानित किया गया है | इस उपलब्धि पर आपको हार्दिक बधाई - लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर
thanks Ambareesh jee
अम्बरीष जी आपकी शुभकामनायेँ और बधाइयां मिली बहुत अच्छा लगा । आपको बहुत बहुत धन्यवाद! ऐसे ही स्नेह बनाएँ रखें !
thank you so much my dear friend ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद - हार्दिक आभार, कृपया यों ही स्नेह बनाए रखिये, आपका सौजन्य ही मेरा पराक्रम है, ખુબ ખુબ આભાર ...ખુબ ખુબ આભાર ....તમારી શુભકામનાઓ મારા સીર આંખો પર ...........
प्रिय और आदरणीय अम्बरीश जी जन्म दिन पर (विलंबित) ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं आप दिन दिन उगें चमकें सूरज से हम सब रौशनी यों ही पायें .प्रभु सब मंगल करें .जय श्री राधे
जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं सर जी
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
आदरणीय अम्बरीश भाई, आपके स्नेह का ऋणी हूँ, सुबह सुबह प्रथम शुभकामना वो bhi कुण्डलिया के रूप में दूरभाष पर सुन कर मन आनंदित हो गया, बहुत बहुत आभार आपका |
aadarniya ambrish ji, saadar abhivadan
aapka bahumulya margdarshan chahiye.
dhanyavaad.
भाई अम्बरीश जी मै आपकी प्रशंशा का हकदार वन पाया हूँ सोच कर ख़ुशी होती है और आपकी सराहना जो अपने पात्रता और फर्क की की है उसके लिल्ये धन्यवाद.
ambarish ji namaskar, pratikriya dene ke liye dhanyvad...
मैं अपने मेरे ऑफिस में obo site prohibited hai.. मैं जैसे तैसे खोल कर कमेंट्स करती हूँ...reply button काम नहीं कर रहा है ..और मेरा कमेन्ट delete भी नहीं
हो रहा है... INBOX. भी काम नहीं कर रहा .. इस
लिए massage भी नहीं कर पा रही हूँ....मैं अभी शाम ७ बजे तक कुछ करने में अक्षम हूँ...इसलिए क्षमा चाहती हूँ.....अब मैं ७ बजे के बाद ही अपनी गलतियों को सुधार पायुंगी...
क्षमाप्रार्थी ...
महिमा श्री
आपका हार्दिक धन्यवाद... आभारी हूँ...
आदरणीय , श्री अम्बरीश जी.
राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' replied to Ambarish Srivastava's discussion ''चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक -१२'' in the group चित्र से काव्य तक
माननीय मयंक जी, नमस्कार. वियर रस की नदिया बहा दी आपने. बधाई /////परम स्नेही बस्तीवी जी सादर अभिवादन भाई यह अद्भुत रस मेरे लिए नया है और इसे काव्य में समाहित करना भी एक कला है और इस रस को पहचानना भी अपने आप में अद्भुत है आप दोनों को बहुत बहुत बधाई :) वैसे शायद होली बीत गई बीत गई न :) सादर
Aaj ke daur me aadarsho ke saath jine ki pida ke dard ke saath watan ke prati aapki rachna me jo phikra nazar aati hai wo sarahniya hai.
Monika
नींद से जागा तो मेरी आँख में शबनम थी.
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