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अगर किसी को न भाई हो

कुछ हल्का-फुल्का

इश्क-विश्क का फंडा ,यारा टेंशन वेंशन भूल .

और झमेले लाखों यारा ,रख अपने को cool .

'हिंदी वाले 'फूल' से चेहरे ,दिल्फैंकों को अक्सर .

मान के चलते सोच के चलते , इंग्लिश वाले 'fool '

कलयुग आया ,लड़का लडकी प्रेमिका प्रेमी कम हैं ;

इक दूजे को use ये करते समझ समझ के tool .

खूब निभे गी यारी यारा मेरी तेरी सब की ;

खुद की ego मार दबा दे ,दे न खुद को तूल.

आप को जो इक लाफा मारे,उस की करो धुनाई ;

उसको दे त्रिशूल से मारो,जो दे आप को शूल .

'गांधी' के युग में शायद अहिंसा थी ठीक ;

अब के फंडा अहिंसा का अपनाना है भूल

अगर किसी को न भाई हो effort दीप की बन्धु

भोले भले की इस भूल को याद से जाना भूल

दीप जीरवी

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Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 5, 2012 at 12:48am

खूब निभे गी यारी यारा मेरी तेरी सब की ;

खुद की ego मार दबा दे ,दे न खुद को तूल.

आदर्णीय दीप जिरवी जी  बहुत अच्छी बातें हैं सुन्दर टिप्स हैं बहुत कुछ ऐसा ही है आज कल ..काश इसके गहन मनोभाव लोग समझें ..इस पर मेरी प्रतिक्रिया तो शायद पहले भी जा चुकी है ..जय श्री राधे .....भ्रमर ५ 

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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