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"एक था और एक थी"

This poem is not written by me......This is my one of favourite poem

एक था’ और एक थी’

‘था’ ने थी’ से मोहब्बत की

अफसाना हो गया

दुश्मन सारा जमाना हो गया।

गली गली

उन्ही दो नामो के चर्चे

दिवारो पर

उन्ही दो नामो के पर्चे

‘थी’ बेचारी क्या करे

जिये की मरे

कह ना सकी

सह ना सकी

मर गयी,

एक बहुत लम्बी याञा

एक हिचकी मे

तय कर गयी

‘था’ को ना जाने क्या हो गया

उसे लगा जैसे सब खो गया

बेसुध सा रहने लगा

और

जमाना उसे पागल कहने लगा

कभी कभी वो

एकांत मे चला जाता,

कोमल कोमल उंगलियों से

धरती के कागज पर

‘थी’ का नाम लिखता,

उसी के चिञ बनाता

और

जब कभी होंठो से

उसके गीत गुनगुनाता,

तो

लोगो से पत्थरो कि बौछार पाता

और

एक दिन आया,

जब सहानभुति के अभाव ने

उसको भी खाया

कहानी समाप्त हुई।।।।।।।।।।।।

संयोग से इस कहानी को

एक फिल्म निर्माता ने

फिल्मा दिया

अजी ! गजब ढा दिया

लोग बेतहाशा

फिल्म देखने जाने लगे,

टिकट पाने के लिए

लम्बी- लाईन लगाने लगे

और

गली गली

उसी फिल्म के गीत गाने लगे।

कलाकारों ने भी भुमिका

कुछ ऐसी निभाई

गिलसरिन आँखो मे लगाकर

आँसुओ की वो धारा बहाई

कि जनता को फिल्म

जरुरत से ज्यादा पसंद आई

परिणाम हुआ ऐसा

फिल्म को नाम मिला

निर्माता को पैसा

सोचता हूँ

कैसा जमाना गया है

नाटक को पुरस्कार

हकीकत को पत्थर कि बौछार

दुनिया वालो

तुम्हे सौ-सौ नमस्कार।।।

Views: 430

Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on September 6, 2010 at 6:51pm
सब फायदे की दुनिया है | अपना फायदा जहा हो वही पर सब लग जाते है| कोई किसी का दर्द नहीं समझता है|

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 31, 2010 at 9:16pm
Raju bhai , rauwa baut hi badhiya kaam kaini ha eha post kar key , wokai achha rachna ba.
Comment by Admin on March 31, 2010 at 2:09pm
बहुत बढ़िया यह कविता है, जिन्होने भी इसे लिखा है वो बधाई के पात्र तो है ही, राजू जी आपको भी बहुत बहुत बधाई,यहाँ पोस्ट करने के लिये , आज का समय ही ऐसा आ गया है की duplicate इतना चमकदार हो गया है की original पर शक होने लगता है.
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on March 31, 2010 at 2:02pm
waah raju bhai waah .............
bahut khoob,
lajawab,
mindblowing,
shaandaar,
jaandaar

likhat rahi bhai ehi tarah....bahut aage jaib raua....maane ke pari raur talent....kab ka chij ke kahan likhe ke ba ee talent raua andar bahut badhiay baa

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