For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 
चार-पांच वर्ष का बच्चा प्रकाश मकान की दूसरी मंजिल पर छत पर खेलते हुए कटकर आई एक पतंग को लूटने के लिए बालकनी से खिड़की में झुका, तभी पाँव फिसलने से खडकी के बाहर छज्जे से लुडककर सडक पर गिरने लगा तभी सड़क पर दूर से देख एक व्यक्ति चिल्लाया “अरे ये बच्चा गिरा” |
उसी समय उस गली से ससुराल के मकान के नीचे से रोज की तरह गुजर रहे उसके पूपा भंवर जी ने राहगीर के चिल्लाने पर ऊपर झांकते हुए झट बच्चे को अपनी धोती की झोली में लपकने का सफल प्रयास किया | प्रकाश झोली में आकर गिरा पर झटके से झोली फटी और टांग सड़क से टकराई | पूपाजी तुरंत अस्पताल लेकर गए जहां एक्सरे कर डाक्टर साहब पूरी घटना सुनकर बोले “दो मंजिल से चार साल का बच्चा गिरकर भी बच गया और केवल पाँव की हड्डी में फ्रेक्चर हुआ है | केवल 15 दिन का प्लास्टर चढ़ेगा |”
तब तक प्रकाश के पिताजी आ गए और पूरी घटना सुनने पर उनके मुहँ से निकला “कहते है मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है | भंवर जी आज आप की वजह से बच्चे की जान बच गयी | भगवान ने आपको इसकी जान बचाने फ़रिश्ता बनाकर ही भेजा लगता है |
(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 613

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 3, 2017 at 11:31am

लघुकथा सराहने के लिए हार्दिक आभार आदरनीया राजेश कुमारी जी | दरअसल ये घटना भी मेरे लघु भ्राता के साथ घटी ६५ वर्ष पूर्व की सच्ची घटना पर ही आधारित है | सादर नमन 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 3, 2017 at 11:27am

हार्दिक आभार जनाब मो. आरिफ साहब ! जब समारोह ३१ में शीर्षक "फ़रिश्ता" देखा तो पहले यही लघुकथा सृजित की थी जो मेरे लघुभ्राता के साथ आज से 65 वर्ष पूर्व घटित सच्ची घटना पर आधारित है | किन्तु बाद में सोचा "मारने वाले से बचाने वाला बड़ा" पर कहानिया आम हो चुकी है | यही सोच समारोह में त्वरित ही दूसरी लघुकथा"उपयोगी वेबसाईट" सृजित कर पोस्ट की |

सादर नमन 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 2, 2017 at 11:20am

बहुत अच्छी लघु कथा लिखी आदरणीय .एक बार जब मैं मुंबई में थी बिलकुल ऐसी ही घटना घटी थी आपकी लघुकथा को पढ़कर वो याद ताज़ा हो गई |बहुत बहुत बधाई आपको 

Comment by Mohammed Arif on November 1, 2017 at 8:26pm
आदरणीय लक्ष्मण रामानुज जी आदाब, आपकी यह लघुकथा पढ़कर मुझे विश्वंभरनाथ शर्मा "कौशिक" जी की ताई कहानी याद आ गई । सच है बचाने वाला ही सबसे बड़ा होता है । सकारात्मक सोच की बेहतरीन लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें । थोड़ी सपाट बयानबाज़ी लग रही है ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहो *** मित्र ढूँढता कौन  है, मौसम  के अनुरूप हर मौसम में चाहिए, इस जीवन को धूप।। *…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
13 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
13 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
14 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
16 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहा सप्तक. . . . . मित्र जग में सच्चे मित्र की, नहीं रही पहचान ।कदम -कदम विश्वास का ,होता है…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"गीत••••• आया मौसम दोस्ती का ! वसंत ने आह्वान किया तो प्रकृति ने श्रृंगार…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आया मौसम दोस्ती का होती है ज्यों दिवाली पर  श्री राम जी के आने की खुशी में  घरों की…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service