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मौज मनाने
छुट्टियों में हैं आते
नदी किनारे

बड़ी सुहानी
हवा चलती यहाँ
नदी किनारे ।

मन मोहक
नज़ारा यहाँ होता
नदी किनारे ।

मस्त लहर
आकर टकराती
नदी किनारे ।

भीड़ अधिक
हो जाती है अक्सर
नदी किनारे ।

संग पिया के
सन्ध्या देखने आती
नदी किनारे ।

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by Mohammed Arif on April 5, 2017 at 8:20pm
आदरणीया कल्पना भट्ट जी आदाब, क्या ख़ूब सुंदर भावाभिव्यक्ति छलक पड़ी है हाइकु बनकर । बहुत-बहुत बधाई । बस इतना ही कहना चाहूँगा कि-
कुछ सुस्ता लें
जल राशि पुकारे
नदी किनारे ।

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