For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फाउंटेन पेन (लघुकथा)

उस जमाने में बी ए प्रथम श्रेणी से पास होने पर बाबू जी को कालेज के प्राचार्य ने पारितोषिक स्वरूप दिया था ।बाबू जी ने न जाने कितनी कहानियाँ,कविताएँ लिखी इस पेन से। हमेशा उनकी सामने की जेब में ऐसे शोभा बढ़ाये रखता जैसे कोई तमगा लगा हो। मेरी पहली कहानी सारिका में प्रकाशित होने पर बाबू जी ने प्रसन्न हो कर मेरी जेब में ऐसे लगाया जैसे कोई मेडल लगा रहे हों और साथ में हिदायत दी कि इस पेन से कभी झूठ नहीं लिखना,और न ऐसा सच जिससे किसी का अहित हो। आज बाबू जी की पुण्य तिथि पर उनकी तस्वीर पर माला चढा कर ,पेन साफ कर स्याही भर के शर्ट के सामने की जेब में खोंस कर एक सिपाही की तरह सीना तान कर कार्यालय पहुंचा। लिखने के लिए एक दो बार पेन निकाला पर हाथ कांप गये,कुछ न लिख सका । मैं कचहरी का बड़ा बाबू दिन भर खोंसे रहा उस पेन को घर आकर पिता जी की फोटो के साथ टिका दिया ।

.

पवन जैन ,जबलपुर।
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 502

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pawan Jain on February 28, 2016 at 4:28pm

आभार आदरणीय शहजाद जी सुंदर  समीक्षा हेतु।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on February 27, 2016 at 11:30pm
बेहतरीन प्रेरक अभिव्यक्ति के लिए हृदयतल से बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय पवन जैन जी।
Comment by Pawan Jain on February 27, 2016 at 8:00pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉ गोपाल नारायण साहेब।

Comment by Pawan Jain on February 27, 2016 at 7:58pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय राहिला जी ,आपकी तारीफ उत्तरदायित्व बढाती है ,बेहतरी हेतु प्प्रयास रत रहूंगा।

Comment by Rahila on February 27, 2016 at 7:38pm
बहुत गहरा कटाक्ष कोट कचहरी की कार्य शैली पर । आपकी रचनायें पढ़कर बेहद अच्छा लगता है आदरणीय सर जी! सादर नमन
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on February 27, 2016 at 6:17pm

इस बेबाक कथन के लिय बधाई .

Comment by Pawan Jain on February 27, 2016 at 3:53pm

आभार आदरणीय अवधेश कुमार जी ।

Comment by Awadhesh Kumar on February 27, 2016 at 3:32pm

मजबूर हो चुके ईमानदार व्यक्तित्व की झलक

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदमी दिल का वह बुरा तो नहीं सिर्फ इससे  खुदा  हुआ  तो नहीं।। (पर जमाने से कुछ…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आ, मेदानी जी, कृपया देखेंकि आपके मतल'अ में स्वर ' उका' की क़ैद हो गयी है, अत:…"
9 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल में कुछ दोष आदरणीय अजय गुप्ता जी नें अपनी टिप्पणी में बताये। उन्हे ठीक कर ग़ज़ल पुन: पोस्ट कर…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय निलेश नूर जी, आपकी ग़ज़ल का मैं सदैव प्रशंसक रहा हूँ। यह ग़ज़ल भी प्रशंसनीय है किंतु दूसरे…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय गुप्ता अजेय जी, पोस्ट पर आने और सुझाव देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। बशर शब्द का प्रयोग…"
13 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्ते ऋचा जी, अच्छी ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई। अच्छे भाव और शब्दों से सजे अशआर हैं। पर यह भी है कि…"
14 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय दयाराम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई आपको  अच्छे मतले से ग़ज़ल की शुरुआत के लिए…"
15 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रास्ता  घर  का  दूसरा  तो  नहीं  जीना मरना अलग हुआ तो…"
15 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"2122 1212 22 दिल को पत्थर बना दिया तो नहीं  वो किसी याद का किला तो नहीं 1 कुछ नशा रात मुझपे…"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल अंत आतंक का हुआ तो नहींखून बहना अभी रुका तो नहीं आग फैली गली गली लेकिन सिर फिरा कोई भी नपा तो…"
18 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार नीलेश भाई, एक शानदार ग़ज़ल के लिए बहुत बधाई। कुछ शेर बहुत हसीन और दमदार हुए…"
19 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार जयहिंद रायपुरी जी, ग़ज़ल पर अच्छा प्रयास हुआ है। //ज़ेह्न कुछ और कहता और ही दिलकोई अंदर मेरे…"
19 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service