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"माँ, तुम्हें एक खुशखबरी देनी थी। तुम नानी बनने वाली हो।"- बेटी ने अपनी माँ को बताया जिसकी पिछले महीने ही शादी हुई थी।
"बेटा, तुमने यह बात किसी को बताई तो नहीं है।"
"नहीं माँ, क्या हुआ?"
"बेटा, एक बार अल्ट्रासाउंड करवा लेती तो ठीक रहता। पता लग जाता घर का चिराग है या लड़की।"
"लेकिन माँ, यह तो पहला बच्चा है। ऐसी बातें क्यों सोच रही हो?"
"तुम्हारी भाभी भी यूँ ही माॅर्डन बातें किया करती थी। अब उसको दो लड़कियाँ हैं। बेटा, घर को चिराग देने वाली औरत का मान-सम्मान अपने आप ही बहुत बढ़ जाता है।"
"ठीक है माँ, बताओ मुझे अब क्या करना है?"
"तुम ये प्रेगनेंसी वाली बात किसी को भी मत बताना और जल्दी से एक बार घर आ जाओ।"- माँ ने बेटी को सीख देते हुए कहा।

मौलिक और अप्रकाशित

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Comment by somesh kumar on November 24, 2014 at 8:44pm

SUNDER LGHUKTHA

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 24, 2014 at 7:10pm

सुन्दर कथा i जिस सहजता से आपने बुनी   i वह  और भी सुन्दर i

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