For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“हेप्पी टीचर्स डे”(संस्मरण)

“हेप्पी टीचर्स डे”(संस्मरण)

सन १९८६ में विशाखापत्तनम  नेवल पब्लिक  स्कूल में शिक्षण काल के दौरान का ये वाकया.... छठी  कक्षा का सबसे शरारती छात्र आये दिन कोई न कोई शरारत करना और ढेर सारी डांट खाना|होम वर्क कभी पूरा करके ना लाना क्लास में दूसरे पढ़ते  हुए छात्रों को भी डिस्टर्ब करना मानो उसकी आदत ही बन गई थी|बहुत बार दंड देकर दुःख भी होता था,किन्तु वो था कि सुधरने का नाम ही नहीं लेता था|माँ बाप भी आकर मुझे बोलते थे की मैडम आप ही इसे सुधार सकती हो|उस दिन तो हद ही हो गई जब वो मेरी हिदायतों को रिपीट करने लगा अर्थात मेरी ही नक़ल उतारने लगा| पहली बार मेरी क्रोध की  सीमा टूट गई मेरा हाथ उस पर उठामगर वो मुस्कुराता रहा| अगले दिन शिक्षक दिवस था सब बच्चे फूल भेंट कर रहे थे|फिर वो लड़का आया कुछ झिझकते हुए उसने अपनी शर्ट के नीचे पहने बनियान की पाकेट से एक बर्फी निकाली और मेरी हथेली पर “हेप्पी टीचर्स डे” कह कर रख दी और मेरी और देखने लगा,न जाने उसकी आँखों में वो कैसा अनुरोध था कि मैंने  वो बर्फी उसी के सामने खाई उसके प्रति वो सारा क्रोध पल भर में गायब हो गया उसको आशीर्वाद दिया .उस दिन के बाद से उस बच्चे में अनोखा व्यवस्थित बदलाव देखा.मन लगा कर पढने लगा, फाइनल में तो उसने सबको चौंका दिया बहुत अच्छी पोजीशन से पास हुआ| मैं आज तक नहीं समझ सकी कि वो बदलाव उसमे अचानक कैसे आया ,सोचती हूँ की आज भी वो कहीं मिले तो उससे पूछूँ|जब भी शिक्षक दिवस आता है मुझे वो बच्चा याद आता है|

(मौलिक एवं अप्रकाशित )                    

Views: 678

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 25, 2014 at 11:05am

पोस्ट पर देर से आई हूँ आपकी प्रतिक्रिया पाकर अपार प्रसन्नता हुई सादर धन्यवाद आ० सौरभ जी .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 15, 2014 at 3:33am

एक प्रवाही संस्मरण को साझा करने के लिए सादर धन्यवाद, आदरणीया राजेश कुमारीजी..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 10, 2014 at 9:42am

प्रिय सविता मिश्रा जी आपका प्रभूत आभार. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 10, 2014 at 9:42am

प्रिय राम शिरोमणि जी आपको संस्मरण अच्छा लगा हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 10, 2014 at 9:41am

प्रिय अन्नापूर्णा जी ,आपको संस्मरण अच्छा लगा आपने अपनी यादों के पल भी साझा किये हार्दिक आभार आपका. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 10, 2014 at 9:39am

आ० अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी,हार्दिक आभार आपका.  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 10, 2014 at 9:38am

आ० डॉ.गोपाल नारायण जी,सादर धन्यवाद.   

Comment by ram shiromani pathak on September 8, 2014 at 10:30am
बहुत प्यारी लघुकथा आदरणीया राजेश कुमारी जी।।। बहुत बहुत बधाई आपको
Comment by savitamishra on September 7, 2014 at 7:51pm

बढ़िया संस्मरण दी .....सादर नमस्ते

Comment by annapurna bajpai on September 7, 2014 at 5:03pm

कुछ बातें और कुछ बच्चे ऐसे होते है आ0 राजेश दीदी , कि वे अपनी छाप छोड़ देते है फिर चाहे वह पजिटिव हो या निगेटिव । मुझे भी एक ऐसा ही बच्चा याद आता है जो बेहद शरारती था कोई भी अध्यापिका उसे नियंत्रित नहीं रख पाती थी । वो शरारती ही नहीं वो उधमी भी था । मैंने प्यार से उसे कई बार समझाया उसे कोई असर नहीं हुआ अंततः उसको मुझे दंडित करना पड़ा उसे मैंने अपनी कक्षा से बाहर खड़े रहने की सजा दी , दो दिन तक वो बालक बाहर खड़ा हुआ तीसरे दिन वह स्वयं आया और क्षमा मांगी । और ये बात सही है कि वो बच्चा उस दिन से काफी सुधर गया , मुझे यकीन नहीं हुआ कि ये वही बच्चा है । आपका संस्मरण पढ़ कर मुझे भी वो बालक याद आ गया । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
15 hours ago
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service