For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अंतःकरण की शुद्धि

अंतःकरण की शुद्धि

सुबह में , शाम में,
वर्षा और घाम में,
जीवन के साम-दाम में,
अंतःकरण की शुद्धि चाहिए,

देवता के पूजन में ,
मन्त्रों के गुंजन में,
सज्जन और दुर्जन में,
अंतःकरण की शुद्धि चाहिए,

राग-वैराग्य में,
स्वार्थ और त्याग में ,
जीवन सौभाग्य में,
अंतःकरण की शुद्धि चाहिए,

दुःख में क्लेश में
किसी भी वेश में ,
दुर्भाग्य और भाग्य में,
अंतःकरण की शुद्धि चाहिए,

डॉ. विजय प्रकाश शर्मा
मौलिक व अप्रकाशित

Views: 1217

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on July 7, 2014 at 9:30am

आ० सौरभ पाण्डेय जी,
अपने इस कमजोर रचना के लिए खेद है परन्तु ख़ुशी इस बात की है की इस कारण ही आपका मार्गदर्शन पाने का अवसर मिला.
आपके बहुमूल्य सुझाव के लिए हार्दिक आभार.कोशिश करूंगा प्रस्तुति दुरुस्त हो. सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 7, 2014 at 12:47am

आपकी कई रचनाओं से गुजरने का सौभाग्य मिला है आदरणीय विजय प्रकाशजी. आपकी छोटी मगर धारदार अभिव्यक्तियाँ सहज ही प्रभावित करती रही हैं. और सच कहूँ तो इसीकारण आपकी रचनाओं का इंतज़ार भी रहता है. उस हिसाब से आपकी अबतक की सबसे कमज़ोर प्रस्तुति से गुजर रहा हूँ. ऐसा नहीं कि इस रचना ने पाठक के तौर पर मेरा ध्यान नहीं खींचा है.

सादर

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on June 27, 2014 at 8:34am

बहुत-बहुत आभार आ० प्राची जी.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 26, 2014 at 6:44pm

नित्य अन्तः प्रक्षालन ही चित्त की वृत्तियों को नियंत्रित कर मन वचन कर्म बुद्धि अहं को संतुलित रखता है... अन्तः करण की शुद्धि को दरकिनार कर आज व्याप्तता जाता अनैतिक आचरण ही तो सारी समस्याओं का मूल कारण है 

शुद्ध अन्तः करण ही पूरी पारदर्शिता के साथ हर परिस्थिति में हर सत्य को पहचान सकता है

इस प्रस्तुति पर मेरी बधाई स्वीकारिये आ० विजय प्रकाश शर्मा जी 

Comment by vijay nikore on June 23, 2014 at 11:34pm

रचना के भाव सराहनीय हैं। बधाई, आदरणीय विजय जी।

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on June 23, 2014 at 11:25pm

आ० भाई गिरिराज भंडारी जी,आपके सराहना के शब्द तो रचना को नया आयाम दे डालते हैं.आपका सदैव आभारी.
विजयप्रकाश.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 22, 2014 at 7:29pm

आदरणीय विजय प्रकाश भाई , सत्य वचन , सही सलाह , ये हो जाये तो सब कुछ सँवर जाये । बधाइयाँ ।

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on June 22, 2014 at 3:58pm

आ ० डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी आप के उदगार इस रचना से उद्वेलित हुए.आपका आभार .

दस्यु को महाकवि में बदल दिया है-मात्र एक घटना ने -यत्क्रौंच मिथुनादेकम्-------
अंगुलिमाल की कथा भी सामने है." मरा" से "राम" में बदलने में वक़्त नहीं लगता.
,

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 22, 2014 at 12:16pm

दुर्जन का अंतःकरण  शुद्ध हो जाये  तो सारा विश्व समरस हो जायेगा  i  काश !

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on June 22, 2014 at 10:01am

आपका निरंतर मेरे रचनाओं को सराहना मुझे संजीवनी देता है. हार्दिक अभिनन्दन जीतेन्द्र जी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।बेहतर शीर्षक के बारे में मैं भी सोचता हूं। हां,पुर्जा लिखते हैं।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। चेताती हुई बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लगता है कि इस बार तात्कालिक…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
" लापरवाही ' आपने कैसी रिपोर्ट निकाली है?डॉक्टर बहुत नाराज हैं।'  ' क्या…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service