For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जाने खोयी कहाँ दिवानी

२२२  ११२    १२२   

 

नानी अब न कहे कहानी

राजा खोये नहीं वो रानी  

 

रेतीली वो नदी पुरानी

गुम पैरों कि मगर निशानी

 

बोली तुतली हिरन सी आँखे

जाने खोयी कहाँ दिवानी

 

बचपन बीत गया है पल में

 

मुरझाई सी लगे जवानी

 

देखेंजब भी जहर हवा में

बहता आँख से मेरी पानी

 

भूली सजनी किये थे वादे

उंगली में है पडी निशानी

 

बिसरा पाये कभी नहीं हम

गांवों वाली हवा सुहानी 

मौलिक व अप्रकाशित

 

Views: 676

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 29, 2014 at 4:41pm

आदरणीय गुमनाम जी ..मेरी रचना पर आपकी उत्साहवर्धक पर्तिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद ..सादर

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 29, 2014 at 4:40pm

आदरणीय गिरिराज भाईसाब ..आपकी उत्साहजनक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद ..रुक्न केविषय में बिद्वात्जानो की प्रतिक्रिया का मुझे भी इंतज़ार रहेगा ..सादर

Comment by gumnaam pithoragarhi on May 29, 2014 at 4:15pm

नानी अब न कहे कहानी

राजा खोये नहीं वो रानी  

भूली सजनी किये थे वादे

उंगली में है पडी निशानी

अच्छी गज़ल के लिये बधाई,,,,,,बहुत सुंदर भावपूर्ण गजल,,,,,,,,,,,,,,,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 28, 2014 at 5:56pm

आदरणीय आशुतोष भाई , अच्छी गज़ल के लिये बधाई !! बह्र के रुक्न के विषय मे शंका है , जानकारों का इंतिज़ार करें ॥

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 28, 2014 at 11:05am

आदरणीय कुंती जी ..आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर 

Comment by coontee mukerji on May 27, 2014 at 5:46pm

नानी अब न कहे कहानी

राजा खोये नहीं वो रानी  

 

रेतीली वो नदी पुरानी

गुम पैरों कि मगर निशानी

 

बोली तुतली हिरन सी आँखे

जाने खोयी कहाँ दिवानी......बहुत सुंदर....आशुतोष जी. हार्दिक बधाई.

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 27, 2014 at 1:07pm

आदरणीय जीतेन्द्र जी ..आप हमेशा ही अपनी प्रतिक्रियाओं से मेरा हौसला बढाते हैं ..बस आपका स्नेह यूं ही मिलता रहे..सादर धन्यवाद के साथ 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 27, 2014 at 12:57pm

आदरणीय गोपाल सर ..आपकी बड़ों का आशीर्वाद बस यूं ही मिलता रहे बस इसी आकांक्षा के साथ ..सादर प्रणाम के साथ 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 27, 2014 at 12:55pm

आदरणीय श्याम जी . मेरी रचना पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद ..सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 27, 2014 at 11:58am

जीवन में सिर्फ यादें रह जाती है .बहुत सुंदर भावपूर्ण गजल, बधाई आदरणीय डा.आशुतोष जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
16 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"शुक्रिया ऋचा जी। बेशक़ अमित जी की सलाह उपयोगी होती है।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया अमित भाई। वाक़ई बहुत मेहनत और वक़्त लगाते हो आप हर ग़ज़ल पर। आप का प्रयास और निश्चय…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service