For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

महान देश के मजबूर प्रधानमंत्री

दो बरस पहले जब यूपीए-2 गठबंधन की सरकार बनी तो यही कयास लगाया जाने लगा था कि पहली बार की तरह सरकार के लिए यह साल ठीक रहेगा और चुनाव के पहले, जो दावे कांग्रेस ने किए थे, उस पर अमल किया जाएगा। यहां दिलचस्प पहलू यही रहा कि महंगाई जैसी गंभीर समस्या से आम लोगों को निजात देने की बात कहने वाली सरकार, लगातार बयानबाजी में ही उलझी हुई नजर आई। महंगाई से निपटने अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री से लेकर सरकार के मंत्री तक असहाय नजर आए। कभी किसी ने यह कहकर अपने दायित्वों से मुंह मोड़ लिया कि महंगाई तो ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम है। जब आम लोगों की प्रतिक्रिया आई और विपक्ष हंगामा मचाने लगा, तब उसी मंत्री को जवाब देते नहीं बना। हद तो तब हो गई, जब वही कृषि मंत्री शरद पवार ने यह कहा कि वे कोई ज्योतिषी नहीं है, जो यह बता सकें, महंगाई कब कम होगी। सबसे बड़ा सवाल यहां यही है कि सत्ता के ओहदेदार कुर्सी पर बैठने के बाद यदि कोई अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहे तो इसे क्या कहा जा सकता है ? जब सरकार ही समस्या से निपटने बचेगी, ऐसे हालात में आखिर बेबस जनता किसे अपना दुखड़ा सुनाए ?

महंगाई के मुद्दे पर बयानबाजी का दौर यहीं नहीं थमा। हाल ही में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने यह कहा कि उनके हाथ में अलादीन का चिराग नहीं है, जो वे कुछ मिनटों में ही महंगाई जैसी गंभीर समस्या को खत्म कर दे। यहां बात वही है कि क्या सरकार को जनता ने पर्याप्त समय नहीं दिया ? पिछले साल भर से महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़कर रख दी है, तब इस तरह बयान देने वाले नुमाइंदे कहां बैठे थे ? महंगाई से निपटने किसी तरह नीति क्यों नहीं बनाई गई ? अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री को भी वित्तीय मामलों की व्यापक समझ है, ऐसे में जब महंगाई पर वे भी चुप्पी साध लंे या फिर यह कहें कि जनता को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इस हालात में समझा जा सकता है कि आम जनता के हितों के लिए सरकार कितनी कटिबद्ध है ? विपक्षी पार्टियां भी महंगाई, भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार को महीनों से घेर रही है और प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को अब तक का सबसे कमजोर बताया जा रहा है। फिर भी यूपीए-2 सरकार जागती नजर नहीं आ रही है।

महंगाई के बाद अब भ्रष्टाचार के कारण सरकार का सिर दर्द शुरू हो गया है। टू-जी स्पेक्ट्रम, आदर्श सोसायटी घोटाला, कामनवेल्थ गेम्स, इसरो मामले जैसे घोटाले के मामले सामने आने के बाद सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। आलम यह रहा है कि संसद का पूरा शीतकालीन सत्र ठप रहा है और कभी इतिहास में इतने दिनों तक संसद में कामकाज ठप नहीं रहा। जेपीसी गठन की मांग अब भी अटका हुआ है, यदि सरकार कोई निर्णय नहीं लेती तो नहीं लगता कि इस बार का बजट सत्र भी ठीक-ठाक चल पाएगा ? वैसे जेपीसी गठन की सहमति की सुगबुगाहट शुरू होने की खबर है, हालांकि अभी इस तरह का कोई निर्णय सरकार ने नहीं लिया है, लेकिन यही कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में सरकार कोई कदम उठा लेगी।

अब बात मुख्य मुद्दा, प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की टीवी चैनलों के संपादकों के साथ हुई प्रेसवार्ता की। यहां प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर कहा कि वे गठबंधन राजनीति के कारण मजबूर हैं और उन्हें सरकार चलाने में दिक्कतें आती हैं। यहां एक सवाल यह है कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने भी गठबंधन राजनीति की बात कही थी। इस समय कांग्रेस राहुल गांधी का बचाव करती क्यों नजर आई ? और प्रधानमंत्री ने आखिर उसी बात को बाद में क्यों दोहराया ? भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने इतना ही कहा कि जो भी दोषी करार दिए जाएंगे, उन्हें सजा दी जाएगी। दूसरी ओर प्रधानमंत्री के बयान को विपक्षी पार्टी भाजपा ने जनता को बरगलाने वाला करार दिया है और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने एक बार फिर दोहराया कि सरकार, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घिरी हुई और अपनी स्पष्ट नीति तय नहीं कर रही है। प्रेसवार्ता में प्रधानमंत्री डा. सिंह ने महंगाई के मुद्दे पर एक बार फिर मियाद बढ़ाते हुए इतना कहा कि महंगाई दर कम कर ली जाएगी। साथ ही यह भी कहा कि वे देश के हित में सोचते हैं और गठबंधन राजनीति के कारण जरूर उनकी कुछ मजबूरियां हैं। यहां बात यही है कि क्या सत्ता की खातिर सरकार चुप्पी साधे बैठी रहे और देश में भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार होते रहे।

भारत में अब तक ऐसे हालात कभी पैदा नहीं हुए हैं, जब महंगाई इस कदर बढ़े और भ्रष्टाचार के मामले सामने आए तथा सरकार की इस तरह किचकिच हुई हो। टू-जी स्पेक्ट्रम में 1 लाख 76 हजार करोड़ के घोटाला अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। इसरो घोटाला का भी खुलासा हुआ है। महंगाई तथा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, पूरी तरह बेबस आ रहे हैं और खुद को असहाय जताते हुए यह भी कह रहे हैं कि वे मजबूर हैं। एक बात और है, वे खुद को 10 में से 7 अंक देने के साथ देश को आर्थिक मंदी के प्रभाव में आने से बचाने को अपनी बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं, लेकिन उन्हें यह भी समझना चाहिए कि यूपीए-2 सरकार के कार्यकाल में ही देश में अब तक का सबसे बड़े घोटाले हुए हैं और जनता की गाढ़ी कमाई धनपशुओं की तिजोरियों में भर रही हैं। आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है और कौन जवाबदेही लेगा ? केवल मजबूरी की बात कहकर कैसे कोई जनता का अहित करने का अधिकार रख सकता है ? ऐसे में देश की जनता महान देश के इस मजबूर प्रधानमंत्री से क्या उम्मीद रख सकती है ?

राजकुमार साहू
लेखक इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार हैं
जांजगीर, छत्तीसगढ़
मोबा. - 098934.94714

Views: 197

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
13 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"शुक्रिया ऋचा जी। बेशक़ अमित जी की सलाह उपयोगी होती है।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया अमित भाई। वाक़ई बहुत मेहनत और वक़्त लगाते हो आप हर ग़ज़ल पर। आप का प्रयास और निश्चय…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service