For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बासंती बयार
होले होले
बह रही है

तड़प रहा मन
दिल पर
लिये एक गहरा घाव
यादो का झरोखा
खोल रही किवाड़
आवरण से ढकी भाव

इस वक्त पर
उस वक्त को
तौल रही है

नयन तले काजल
लबो पर लाली
हाथ कंगन
कानो पर बाली

तेरे बाहो पर
मेरी बदन
झूल रही है

ईश्‍वर की क्रूर नियति
सड़क पर बाजार
कराहते रहे तुम
अंतिम मिलन हमारा
हाथ छुड़ा कर
चले गये तुम

तन पर लिपटी
सफेद साड़ी
हिल रही है
---------------
मौलिक अप्रकाशित

Views: 449

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 18, 2014 at 10:01am

आदरणीय "अलीन"जी एवं "गीतजी, आपके इस उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक अभिनंदन

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 17, 2014 at 10:52pm

बहुत सुंदर भाव, बधाई स्वीकारें आदरणीय रमेश जी

Comment by अनिल कुमार 'अलीन' on February 16, 2014 at 10:00pm

भावनाओं की मार्मिक अभिव्यक्ति..............बहुत खूब.............

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 15, 2014 at 4:19pm

आदरणीय डाक्टर साहब, एवं श्याम वर्माजी, आपने इस रचना को समय एवं मान दिया सादर आभार

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 15, 2014 at 4:17pm

आदरणीया अन्नपूर्णाजी, पाठकजी, आपद्वय की सराहना से मुझे एक नई शक्ति प्राप्त हुई, आप द्वय का सादर आभार

Comment by Shyam Narain Verma on February 15, 2014 at 12:51pm
इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ.....
Comment by Meena Pathak on February 15, 2014 at 12:17pm

आख़री पंक्तियाँ मन भिगो गयीं ... बहुत सुन्दर भावपूर्ण  रचना , बधाई 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 15, 2014 at 11:18am

रमेश जी सुंदर भाव युक्त राचन के लिए तहे दिल बधाई स्वीकार करें ..सादर 

Comment by annapurna bajpai on February 14, 2014 at 11:20pm

सुंदर भाव युक्त नवगीत के लिए बधाई आपको , आ0 रमेश जी । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
yesterday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
yesterday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service