अब तक तेरे पास रहा है
नतीज़तन वो ख़ास रहा है
हिचकी , हिचकी केवल हिचकी
वोआज मौन उपवास रहा है
छुयन का उसकी असर ये देखो
पतझड़ में मधुमास रहा है
मेरा ख्वाब है उसके दिल में
मुझको ये अहसास रहा है
कभी है गहना हया ये उसकी
कभी "अजय" लिबास रहा है
मौलिक व अप्रकाशित
अजय कुमार शर्मा
Comment
छुयन का उसकी असर ये देखो
पतझड़ में मधुमास रहा है
हार्दिक बधाई अजय भाई इस सुंदर रचना की।
कभी "अजय" लिबास रहा है ...../// कभी "अजय" ही लिबास रहा है... ...सादर
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