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ग़ज़ल-निलेश'नूर'-न समझो लड़ाई वो हारा हुआ है

१२२/१२२/१२२/१२२ 

न समझो लड़ाई वो हारा हुआ है,
उसे हारने का इशारा हुआ है.
***

उसे चाँद तारों की संगत मिली थी,
वो आवारगी में हमारा हुआ है.

***

मरूँगा, बचूंगा, नहीं है पता ये,
मगर वार दिल पे, करारा हुआ है.

***

बचा है वो ऐसे, जिसे डूबना था,      
कि फिर कोई तिनका सहारा हुआ है.  

***

सिकुड़ने लगा है मेरा आसमां अब,
नज़र से नज़र तक, नज़ारा हुआ है. 

***

वो आतिशफिशा था, मगर अब ये हालत,
कि बुझते बुझाते शरारा हुआ है.  

***

नदी की मुहब्बत में आँसूं बहाकर,
समंदर भी मीठे से खारा हुआ है.   

***

चढ़ा जो नशा वो भी उतरेगा इक दिन,
नशा ही नशे का उतारा हुआ है. 

***

वो दीपक भला क्यूँ डरेगा हवा से,
जो खुद आँधियों का सँवारा हुआ है.

***

मुझे देखकर मांग तू भी मुरादें,
तेरा ‘नूर’ टूटा सितारा हुआ है.

******************************************
निलेश 'नूर'
मौलिक व अप्रकाशित 

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Comment

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Comment by Nilesh Shevgaonkar on December 20, 2013 at 7:49am

आदरणीय सौरभ सर ...आप ने दाद दे कर उत्साहवर्धन किया है, आगे प्रयास रहेगा ..और भी बेहतर रचने का.
आभार   

Comment by Nilesh Shevgaonkar on December 20, 2013 at 7:48am

धन्यवाद "हबीब" साहब 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on December 20, 2013 at 7:48am

धन्यवाद आदरणीय महिमा श्री  जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 20, 2013 at 12:01am

हर शेर पर अलग-अलग दाद लें.. . मज़ा आ गया !

शेरों की ग़ज़लियत खुल कर निखरी है.  वाह वाह वाह  ..ज़िन्दाबाद है भाई !

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on December 15, 2013 at 11:14am

क्या खूबसूरत गजल हुई... शेर दर शेर वाह!!  वाह!!

सादर बधाई स्वीकारें आदरणीय नीलेश नूर जी...

Comment by MAHIMA SHREE on December 13, 2013 at 10:29pm

वाह बहुत खूब .. बधाई आदरणीय नूर जी

Comment by Nilesh Shevgaonkar on December 13, 2013 at 9:25pm

धन्यवाद भाई चंद्रशेखर जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on December 13, 2013 at 9:25pm

धन्यवाद मीना पाठक जी 

Comment by CHANDRA SHEKHAR PANDEY on December 13, 2013 at 8:27pm

जय हो 

Comment by Meena Pathak on December 13, 2013 at 7:06pm

बहुत सुन्दर गज़ल | सादर बधाई आप को 

कृपया ध्यान दे...

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