For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुंडलिया छंद - लक्ष्मण लडीवाला

देखे भाई दूज में,  रिश्तो का संसार,

प्यारा भाई जा रहा,प्रिय बहना के द्वार  

प्रिय बहना के द्वार,बोला खिलाओ खाना 

भरकर ह्रदया नेह,प्यार से मुझे खिलाना

सदियों का इतिहास,भाई बहन के लेखे

आती भाई दूज, भाई बहन को देखे ||

(4)

सभी देव करते रहे, गौमाता में वास 

खुशहाली मिलती रहे,गाय रखे यदि पास 

गाय रखे यदि पास,न दूध दही का घाटा

बिना दही अरु दूध, शरीर रहे ये नाटा |

संतो का अनुरोध,गौ ह्त्या न करे कभी   

ब्रहमा विष्णु महेश,करते गौ पूजा सभी |

(मौलिक व् अप्रकाशित)

 

Views: 640

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 13, 2013 at 12:08pm

सुन्दर अभिव्यक्ति बता उतशाहित करने और आवश्यक सुझाव हेतु आपका हार्दिक आभार श्री सुशिल जोशी जी, 

इन्हें इस प्रकार संशोधित किया जा सकता है,कराया बतावे-

देखे भाई दूज में,  रिश्तो का संसार,

प्यारा भाई जा रहा,प्रिय बहना के द्वार  

प्रिय बहना के द्वार,प्रेम से खाए खाना  

भरकर ह्रदया नेह,प्यार से मुझे खिलाना

सदियों का इतिहास,भाई बहन के लेखे

आती भाई दूज, भाई बहन को देखे ||

(4)

करते आये देव सब, गौमाता में वास             

खुशहाली मिलती रहे,गाय रखे यदि पास 

गाय रखे यदि पास,न दूध दही का घाटा

बिना दही अरु दूध, शरीर रहे ये नाटा |

करे सभी संकल्प,अब न गौ-वध सह-सकते

ब्रहमा विष्णु महेश,सभी गौ पूजा करते | 

 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 13, 2013 at 12:02pm

हार्दिक आभार आपका डॉ आशुतोष मिश्रा जी, सादर 

Comment by Sushil.Joshi on November 12, 2013 at 9:56pm

आ0 लक्ष्मण प्रसाद जी..... भावों का सुंदर संप्रेषण हैं दोनो ही छंदों में...... भाई दूज एवं गोवर्धन पूजा पर सुंदर अभिव्यक्ति है..... बधाई इस हेतु......... किंतु थोड़ा सा प्रयास करने पर रचनाओं में जो लयभंग हो रही है, उसे भी दूर किया जा सकता है.....

जैसे -

प्रिय बहना के द्वार, बोला खिलाओ खाना......

 I  I  I I S  S  S I, S S   I   S S  S S

इस पंक्ति में यति के तुरंत बाद दो गुरु आने से लय भंग हो रही है... बिल्कुल यही दूसरे छंद की निम्न पंक्ति में भी हो रहा है........

संतो का अनुरोध, गौ ह्त्या न करे कभी

S S S   I I S I,  S  S S  I  I S I  S

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 12, 2013 at 4:42pm

इस सुंदर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई ..सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 12, 2013 at 9:31am

कुंडलिया पसंद करने के लिए हार्दिक आभार आपका आ. अन्नपूर्णा बाजपेयी जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 12, 2013 at 9:30am

जी डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी | कोई त्रुटी हो तो अवश्य ध्यान में लाये, मै आभारी रहूंगा 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 12, 2013 at 9:27am

छंद पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद शिर रमेश कुमार चौहान जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 12, 2013 at 9:26am

छंद पसंद करने एवं अपनी राय व्यक्त करने हेतु हार्दिक आभार श्री रामशिरोमणि पाठक जी, एवं आ. सरिता भाटिया जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 12, 2013 at 9:24am

छंद पसंद करने एवं अपनी राय व्यक्त करने हेतु हार्दिक आभार श्री रामशिरोमणि पाठक जी, एवं आ. सरिता भाटिया जी 

Comment by annapurna bajpai on November 11, 2013 at 10:38pm

आदरणीय लड़ी वाला जी सुंदर कुण्डलिया हेतु बधाई । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. भाई जैफ जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद।"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ेफ जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
11 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"//जिस्म जलने पर राख रह जाती है// शुक्रिया अमित जी, मुझे ये जानकारी नहीं थी। "
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय अमित जी, आपकी टिप्पणी से सीखने को मिला। इसके लिए हार्दिक आभार। भविष्य में भी मार्ग दर्शन…"
11 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"शुक्रिया ज़ैफ़ जी, टिप्पणी में गिरह का शे'र भी डाल देंगे तो उम्मीद करता हूँ कि ग़ज़ल मान्य हो…"
11 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. दयाराम जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। आ. अमित जी की इस्लाह महत्वपूर्ण है।"
11 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. अमित, ग़ज़ल पर आपकी बेहतरीन इस्लाह व हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
11 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, समयाभाव के चलते निदान न कर सकने का खेद है, लेकिन आदरणीय अमित जी ने बेहतर…"
11 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. ऋचा जी, ग़ज़ल पर आपकी हौसला-अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
11 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. लक्ष्मण जी, आपका तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
11 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service