For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फिर कहो तुम मूक मै कैसे रहूँ ( गीत ) गिरिराज भंडारी

फिर कहो तुम मूक मै कैसे रहूँ

***********************

दर्द इतना दर्द फैला देख कर

रोज ऐसे रक्त बहता  देख कर

मून्द कर आँखे भला कैसे रहूँ

फिर कहो तुम मूक मै कैसे रहूँ

 

भाइयों के बीच जब दीवार हो

और हल के वास्ते तलवार हो

हाथ बान्धे मै भला कैसे रहूँ

फिर कहो तुम मूक मै कैसे रहूँ

 

अंग मेरे   देश का  कटते रहे

उसपे देश शांति  ही रटते रहे

शीत रक्त फिर भी मै कैसे रहूँ

फिर कहो तुम मूक मै कैसे रहूँ

 

भारतीयता पड़ी मूर्छित  यहाँ

सभ्यता परदेश की चर्चित यहाँ

स्वधर्म त्याग मै भला कैसे रहूँ

फिर कहो तुम मूक मै कैसे रहूँ

 

जब कर्णधार देश  लूट खा रहे

फिर भी राष्ट्र्-भक्त कहे जा रहे

शांत मन कहिये भला कैसे रहूँ

फिर कहो तुम मूक मै कैसे रहूँ

 

बेड़ियाँ पड़ने लगी है शब्द को

तमगे मिले,भाट को निःशब्द को

रख के कलम चुप भला कैसे रहूँ

फिर कहो तुम मूक मै कैसे रहूँ

!!!मौलिक एवँ अप्रकाशित !!! ( संशोधित )

Views: 993

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on October 6, 2013 at 3:29pm

बहुत बहुत सुन्दर रचना .. हार्दिक बधाई स्वीकारें आ० गिरिराज जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 6, 2013 at 3:05pm

आदरणीय बैद्यनाथ भाई , गीत की सराहना के लिये आपका बहुत शुक्रिया !!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 6, 2013 at 3:04pm

आदरणीय सुशील भाई उत्साह वर्धन के लिये आपका बहुत बहुत आभार !!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 6, 2013 at 3:03pm

आदरणीय शिज्जू भाई , गीत की सराहना के लिये आपका शुक्रिया !!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 6, 2013 at 3:02pm

आदरणीय बडे भाई कपीश जी , गीत की सराहना के लिये आपका बहुत आभार !!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 6, 2013 at 3:01pm

आदरणीय रमेश भाई , हौसला अफज़ाई के लिये आपका शुक्रिया !!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 6, 2013 at 3:01pm

आदरणीय गीत भाई , रचना की सराहना और उत्साह वर्धन के लिये आपका शुक्रिया !!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 6, 2013 at 3:00pm

आदरणीय बडे भाई अखिलेश जी , गीत की सराहना के लिये आपका आभार !!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 6, 2013 at 2:59pm

आदरणीय अभिनव भाई , गीत की सराहना के लिये आपका दिली शुक्रिया !!!

Comment by Saarthi Baidyanath on October 6, 2013 at 2:21pm

बेहतरीन रचना... जमीनी बातें हैं ...घर समाज की बातों को बखूबी गीत में पिरोया है आपने !..बधाई स्वीकारें :)

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service