For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सावन संग होड़ ( कुण्डलिया )

कुण्डलिया 

सावन संग आज लगी, सखी नैन की होड़|

मान हार कौन अपनी, देत बरसना छोड़||

देत बरसना छोड़, नैन परनार बहे हैं |

कंचुकि पट भी भीज , विरह की गाथ कहे हैं ||

पड़े विरह की धूप, जले है विरहन का मन|

हिय से उठे उसाँस, बरसे नैन से सावन ||

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 626

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 24, 2013 at 8:00am

आदरणीया, कुण्डली छंद पर बढ़िया प्रयास हुआ है, गेयता पर और ध्यान चाहिए, बहुत बहुत बधाई | 

Comment by shalini rastogi on September 23, 2013 at 11:53pm

हार्दिक आभार जितेन्द्र 'गीत' एवं गिरिराज भंडारी जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 23, 2013 at 11:32pm

बेहद सुंदर  कुंडली रचना, बहुत बहुत बधाई स्वीकारें आदरणीया शालिनी जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 23, 2013 at 11:06pm

आदरणीय शालिनी जी , शिल्प का मुझे ज्ञान नही  है , बातें अच्छी लगी ,  भाव  बहुत अच्छे लगे  !! बहुत बधाई !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय Aazi Tamaam जी नमस्कार। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई। 11वां शे'रअच्छा लगा।"
10 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय Aazi Tamaam जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर-दर-शेर दाद-ओ-मुबारकबाद कुबूल कीजिए।…"
43 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दयारामजी ग़ज़ल का बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
48 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"सोच के आये थे कुछ दर्द से राहत होगी तेरे उपवन का तो हर फूल ही पत्थर निकला वाह बहुत बढ़िया शेर हुआ…"
56 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार।"
58 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आसमाँ छूने की जल्दी में था हर शख्स मगर  जब भी निकला वो क़दम रख के ज़मीं पर निकला वाह बहुत खूब।"
59 minutes ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी, हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक आभार। "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय।"
1 hour ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद। "
1 hour ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय, अमित जी संज्ञान हेतु हार्दिक आभार। "
1 hour ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"बहुत बहुत शुक्रिया ज़र्रानवाज़ी का आ श्याम जी"
1 hour ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीया ऋचा जी, सादर अभिवादन। ग़ज़ल तक पहुँचने एवं उस्ताहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभारी हूँ।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service