तेरी हर बात का कायल मै रहता हूँ
क्यूँ तुझसे मुहब्बत इतनी करता हूँ
सितारों संग अकेले बैठता मै जब
खुले दिल से तुम्हारी बात करता हूँ
नहीं मुमकिन अगर इस दौर में मिलना
ख्यालों में तुम्हे अपने मै मिलता हूँ
बहुत सी बात करता में हमेशा जब
क्यूँ अब भी मुहब्बत इतनी करता हूँ
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
सुन्दर भावाभिव्यक्ति..
प्रयासरत रहें ! शुभकामनाएं
अति सुन्दर प्रयास है ...
शिल्प के प्रति आग्रह प्रयास में और निखार लाएगा ...
मंच की उपादेयता को ग्रहण करें शिल्प आपको ग्रहण करेगा और बात बन जायेगी
शुभकामनाएं
आदरणीय हिमांशु जी ..बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें
बढ़िया आदरणीय बधाई आपको
बहुत बढ़िया आदरणीय-
शुभकामनायें-
हिमांशु भाई प्रयास बहुत सुन्दर है प्रयासरत रहें भाव अच्छे हैं बधाई स्वीकारें.
आदरणीय हिमांशु भाई , अच्छी रचना ,अच्छा प्रयास !!! आपको बधाई !!
बहुत बढ़िया ...क्या कहने :)
बहुत सुंदर रचना , हार्दिक बधाई आदरणीय हिमांशु जी
adarniy Himanshu ji sundar aur srthak gazal hetu badhai swikaren .
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