जो गीत ह्रदय से निकला हो , कागज़ पे लिखो बेमानी है ।
वो गीत ह्रदय पर लिखना, ही जीवन की प्रेम कहानी है |
जब दिल में प्रेम उमड़ता है, आँखों से आंसू बहते हैं ,
मोती हैं समझने वालों को, नासमझो को तो पानी है ।
हर प्रेमी अपने प्रियतम को, हर हाल में पान चाह रहा ,
नासमझ भला ये क्या जाने, प्रेम तो तो एक कुर्बानी है ।
जब प्रेम दिलों में फूटे तो, वो सबके लिए बराबर हो ,
पर प्रेम में भेद भी होता है, इस बात पे ही है हैरानी है ।
जब गीत मोहब्बत ने गाये, ढाये हैं सितम ज़माने ने ,
फूलों की राहो में काँटे ,दुनिया की रीत पुरानी है ।
जिस प्रेम में उठती मांग रहे , उसे वासना ही समझो ,
गहरी समझ समर्पण की , प्रेम की यही निशानी है ।
नीरज
Comment
नीरज जी , दिल की गहराई से लिखी गयी रचना दिल को छू ही लेती है .......सादर / कुंती .
श्री नीरज जी , प्रेम के भावो में पगी कविता के लिए हार्दिक बधाई !!
हर प्रेमी अपने प्रियतम को, हर हाल में पान चाह रहा ,
नासमझ भला ये क्या जाने, प्रेम तो तो एक कुर्बानी है ।
बहुत सुन्दर! हार्दिक बधाई !
आ0 नीरज भाई जी, सुन्दर गीत। ढेरों शुभकामनाओं सहित बधाई। सादर,
प्रस्तुत अभिव्यक्ति में हृदय से निस्सृत भाव हृदय को ही स्पर्श कर रहे हैं..बहुत बहुत बधाई
प्रवाह बहुत अच्छा है पर अंतिम बंद में गेयता और प्रवाह दोनों ही कथ्य को सम्हाल नहीं पा रहे..टंकण त्रुटियाँ भी कई जगह रह गयी हैं.
शुभेच्छाएँ
सुन्दर एवं यथार्त प्रस्तुतीकरण
बहुत सुन्दर ..... हार्दिक बधाई
बहुत बहुत शुक्रिया श्याम नारायण जी
इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ. |
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