For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मै कौन हूँ तुम्हारा [गीत]

इतना मुझे बता दो , मै कौन हूँ तुम्हारा ।
तेरी ओर बहती जाये , मेरी ज़िन्दगी की धारा ।

साँसों से बन्ध के जैसे , कोई डोर खींचती है ।
जाने मुझे क्यों पल पल , तेरी ओर खींचती है ।

हर सांस में सिसक कर, दिल ने तुम्हे पुकारा ।
तेरी ओर बहती जाये , मेरी ज़िन्दगी की धारा ।

मैकश अगर मै कोई , तू मेरा मैकदा है ।
पीता हूँ जाम तेरे , मुझको तेरा नशा है ।

आँखों में तैरता है , तेरे प्यार का नज़ारा ।
तेरी ओर बहती जाये , मेरी ज़िन्दगी की धारा ।

कदमों में कोई थिरकन , आँखों से बरसे सावन ।
तेरी धुन में झूमता है , हर शै मेरा ये जीवन ।

कहने लगा है पागल , मुझको जहाँ ये सारा ।
तेरी ओर बहती जाये , मेरी ज़िन्दगी की धारा ।

Views: 754

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 31, 2013 at 10:56pm

सुन्दर गीत.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 28, 2013 at 5:10pm

बेहतरीन गीत मिश्राजी। मैं बृजेश जी की बात से सहमत हूँ। धैर्य रखें आप में असीम सम्भावनाएं हैं।

Comment by Ravinder Gupta on May 27, 2013 at 4:28pm
Bahut hi sundar geet hai
Comment by Neeraj Nishchal on May 27, 2013 at 1:27pm

बहुत बहुत शुक्रिया केवल प्रसाद जी 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 26, 2013 at 9:48am

आ0 नीरज भाई जी,    अतिसुन्दर रचना।.. बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by Neeraj Nishchal on May 25, 2013 at 7:47pm
Sadar dhanywaad Laxman Prasaad ji
Comment by Neeraj Nishchal on May 25, 2013 at 7:43pm
Vandana ji bahut bahut dhanywaad
Comment by Neeraj Nishchal on May 25, 2013 at 7:42pm
Meena ji bahut bahut shukriya
Comment by Neeraj Nishchal on May 25, 2013 at 7:41pm
Geetika ji saadar aabhar
Comment by Neeraj Nishchal on May 25, 2013 at 7:40pm
Brjesh ji bahut bahut dhanywaad

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
10 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
10 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
10 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
11 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
13 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
16 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
19 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service