For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इस जीवन में लगा रहेगा ,
दुःख-सुख हार जीत!
दृढ़ता से बढ़ते रहो ,
गाओ विजय का गीत !!

अविराम बढ़ते चलो ,
भर लो अन्दर शक्ति भरपूर !
यदि इच्छा शक्ति प्रबल होगी ,
नहीं लगेगी मंजिल दूर !!

विकारों का परित्याग कर ,
सद्गुणों को अन्दर भर !
कितना खोया कितना पाया ,
बंद कर अतीत का घर !!

एक दिन ऐसा आएगा ,
स्वयं रास्ता तुम्हे रास्ता बताएगा ,
तुम एक कदम चलोगे ,
वो कदम चला आएगा !!

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"

Views: 577

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 12, 2013 at 12:31am

आज आपकी रचना देख पा रहा हूँ. सीखने के क्रम में ऐसी रचनाएँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. यह अवश्य है कि कोई रचनाकर्म अभ्यास का ही मुखर प्रारूप हुआ करता है. लेकिन यह भी ध्यातव्य है कि रचना पर हुआ कोई अभ्यास किसी सम्मेलन के मंच से पढ़ने की चीज नहीं हुआ करते जबतक कि उन प्रयासों में अभिनवपन न हो.

क्या ही अच्छा होता यदि इस तरह की किसी रचना को पंचचामर छंद में बांधा गया होता.

शुभेच्छाएँ.

Comment by ram shiromani pathak on April 5, 2013 at 12:13pm

आदरणीया कुन्ती  जी  हार्दिक आभार !

Comment by ram shiromani pathak on April 5, 2013 at 12:12pm

 आदरणीया वन्दना जी  हार्दिक आभार !

Comment by ram shiromani pathak on April 5, 2013 at 12:11pm

 आदरणीया सीमा मैम हार्दिक आभार !!

Comment by ram shiromani pathak on April 5, 2013 at 12:10pm

आदरणीय जवाहरलाल जी हार्दिक आभार  !!!!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 5, 2013 at 7:43am

आदरणीय श्री शिरोमणि जी, भाव अच्छे हैं, सकारात्मक सोच रखनी ही चाहिए! 

Comment by Vindu Babu on April 4, 2013 at 10:48pm
बहुत अच्छी उत्साह वर्धक रचना!
रचना मे प्रस्तुत जज्बा वन्दनीय है आदरणीय रामशिरोमणि जी ।
Comment by seema agrawal on April 4, 2013 at 7:37pm

बहुत अच्छे भाव ......रचना के शिल्प पर थोड़ा समय और प्रयास दिया जाना चाहिए ...शुभकामनाएं 

Comment by coontee mukerji on April 4, 2013 at 6:09pm

रामजी आपके भाव बहुत सुंदर है .बागी जी की बातों पर ध्यान  दीजिए.आप बहुत उन्नति करेंगे.धन्यवाद


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 4, 2013 at 11:59am

प्रिय राम शिरोमणि जी, शर्मिंदा की कोई बात नहीं, गलती तभी होती है जब आप कुछ करते हैं । ऐसी गलतियाँ शुभ लक्षण है :-) 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
12 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
22 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service