Comment
जी मित्र श्री विजय निकोरे जी, स्थाई हल तो नैतिक शिक्षा में ही निहित है । हमारे समय में मैंने हाई स्कूल कक्षामें हिंदी में एक पुस्तक सदाचार सोपान के नाम से थी । आपने सही कहा है कि नैतिक सिक्षा बहुत कम रह गई है ।रचना पसंद कर मान बढाने के लिए हार्दिक आभार स्वीकारे ।
वीभत्स घटना के सन्दर्भ में रचना के भाव पर साझा करने के लिए हार्दिक आभार मित्र श्री प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी
आदरणीय लक्षमण प्रसाद जी,
इसका मतलब है हमारी नैतिक
सशक्त अभिव्यक्ति के लिए साधुवाद।
सादर और सस्नेह,
विजय निकोर
नहीं खेल विधना का नारी, यह खलनायको की चाल है,
आदरणीय लड़ी वाला जी
सादर
आपकी भावनाओं को नमन
बधाई
आभार महिमा जी, उम्मीद है हमारी जागरूक करने की कोशिशे रंग लाएगी
आदरणीय लक्ष्मण सर , नमस्कार
आपसे पुर्णतः सहमत हूँ / आशा है आम जन में भी जागरूकता सिर्फ कुछ पल के लिए नहीं बल्कि जीवन भर ले लिए आये / सरकार चेते / समाज जागे /
रचना का समर्थन करने के लिए आभार श्री अरुण शर्मा अनंत जी, यह तो सही है की शिकारी की तो तो दरिंदगी दिखाने का भूत सवार हो गया है । किन्तु यह समस्या अब हल करने के लिए सरकार और समाज को निम्न कदम उठाने बहुत आवश्यक है "-
आदरणीय लाडीवाल सर मैं आपकी बात से सहमत हूँ किन्तु आज कल जो घटनाएं घटित हो रही हैं उन्हें देख कर नहीं लगता की आकर्षण है ऐसा प्रतीत होता है कि शिकारी शिकार करने निकला है उसे जो मिल गया वही उसका ग्रास बन गया, उन्हें आकर्षण से कुछ लेना देना नहीं है उन्हें तो सिर्फ अपनी दरिंदगी दिखानी है चाहे हो कोई भी हो, अब तो ऐसा समय आ गया है नारी किसी पुरुष के साथ रह कर भी सुरक्षित नहीं है. खैर इस सामयिक रचना हेतु हार्दिक बधाई .
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online